ऋषिकेश: पतित पावनी जान्हवी गंगा के तट पर स्थित भगवान भरत के पावन प्रांगण में ब्रह्मलीन पूज्य महंत अशोक प्रपन्नाचार्य महाराज की पुण्य स्मृति में नौ दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है. सप्तम दिवस पर व्यास पीठ पर विराजमान अंतर्राष्ट्रीय पूज्य संत डा राम कमल दास वेदांती ने पावन प्रसंग मे भगवान श्रीकृष्ण के मथुरा गमन प्रसंग पर विस्तृत चर्चा करते कथा सुनाई.
इस दौरान व्यास पीठ से डा.कमलदास वेदांती ने भगवान कृष्ण के ब्रजमंडल मथुरा से द्वारिका जाने का प्रसंग का वर्णन किया. उन्होंने कहा कि गोपियों का विरह तथा उद्धव के भगवान कृष्ण का संदेश लेकर ब्रज आते है, गोपियां उनको कहती है कि वह भगवान कृष्ण से अलौकिक प्रेम करते है. बताया कि इस तरह महर्षि शुकदेव राजा परीक्षित को वैराग्य ज्ञान के लिए भागवत कथा के विभिन्न प्रसंगों का व्याख्यान करते हैं.
विगत रविवार को पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत सहित उनके साथ बड़ी संख्या में अतिथिगण कथा श्रवण को पहुंचे थे. इससे पहले प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को कथा श्रवण की व्यास पीठ से आशीर्वाद लिया. शुक्रवार को पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भागवत कथा श्रवण को पहुंचे.
इस मौके पर पूर्व केंद्रीय मंत्री/ पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक तथा प्रदेश के कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल सहित कई संतगण भागवत कथा में पहुंचे. अतिथिगणों के स्वागत में भरत मंदिर ट्रस्ट की ओर से महंत वत्सल प्रपन्न शर्मा ने तुलसी का पौधे भेंट किये गये.
सप्तम दिवस की पावन पवित्र कथा मे उत्तराखंड सरकार में कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल , गुरु मां आनंदमई, भरत मंदिर के महंत वत्सल प्रपन्नाचार्य, हर्ष वर्धन शर्मा, वरुण शर्मा , ओंकारानंद आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी विशेश्वरनंद महाराज ,पूर्व कैबिनेट मंत्री शूरवीर सिंह सजवान, मधुसूधन शर्मा , रवि शास्त्री सहित हजारों की संख्या में कथा श्रवण करने पहुंचे श्रद्धालु मौजूद रहे.