चमोली : उर्गम घाटी में स्थित भगवान फ्यूलानारायण मंदिर के कपाट शनिवार को विधि विधान के साथ श्रद्धालुओं के लिये खोल दिये गये हैं। इस दौरान यहां बडी संख्या में ग्रामीणों ने यहां भगवान फ्यूंलानारायण के दर्शन कर पूजा-अर्चना की।
मन्दिर में विशेष पूजाओं के साथ सुबह 11 बजकर 45 मिनट पर निर्धारित मुहूर्त में भगवान नारायण के जयकारों के साथ मंदिर के कपाट डेढ माह के लिये खोल दिये गये। इस दौरान मंदिर के पुजारी योगम्बर सिंह द्वारा पूजा-अर्चना की गई। जबकि पार्वती देवी द्वारा भगवान नारायण का उच्च हिमालयी पुष्पों से श्रृंगार किया गया। इसके बाद यहां पुजारियों द्वारा भगवान नारायण को दूध, मक्खन और सतू का भोग लगाया गया। मंदिर के पुजारी योगम्बर सिंह ने बताया की मंदिर के कपाट श्रावण सक्रांति पर श्रद्धालुओं के दर्शनों के लिये खोले जाते हैं। जबकि नंदा अष्टमी के पर्व पर कपाट शीतकाल के लिये बंद कर दिये जाते हैं। मंदिर के कपाट खुलने के मौके पर फ्रैंडस ग्रुप और फ्यूंलानारायण मंदिर समिति की ओर से मंदिर को फूलों से सजाने के साथ ही यहां भंडारे का आयोजन भी किया गया।
इस मौके पर भूमियाल के पश्वा लक्ष्मण सिंह नेगी, भर्की ग्राम प्रधान मंजू देवी, ग्राम प्रधान संगठन के ब्लाॅक अध्यक्ष अनूप नेगी, हरीश परमार, देवी सिंह चैहान, देवेंद्र रावत, रघुवीर पंवार आदि मौजूद थे।
फ्यूंलानारायण में महिलाओं द्वारा श्रृंगार की यह है मान्यता
मान्यता है कि स्वर्ग की अप्सरा उर्वशी उर्गम घाटी में पुष्प् लेने पहुंची तो उन्हें यहां विष्णु भगवान विचरण करते दिखाई दिये। अप्सरा ने भगवान विष्णु को यहां फूलों से बनी माला भेंट की थी। साथ ही अप्सरा ने भगवान का विभिन्न रंग बिरंगे फूलों से श्रृंगार किया था। तब से यहां महिलाओं की ओर से भगवान का श्रृगांर की परंपरा है।