चमोली : जिला एवं विशेष सत्र न्यायाधीश नरेंद्र दत्त की अदालत ने दुष्कर्म के मामले में आरोपी को दोषी पाते हुए 10 वर्ष के कठोर कारावास व दो लाख पाँच सौ के अर्थदंड से दंड की सजा सुनाई है। वहीं मामले में अदालत ने अर्थदंड की राशि में से 1 लाख 50 हजार 500 की धनराशि पीड़िता को अदा करने के आदेश दिये हैं।
मामला वर्ष 2018 के सितम्बर माह का है। मामले में पीड़िता के भाई ने चमोली कोतवाली में अपने ताऊ के लकड़े पर उसकी नाबालिग बहन से दुष्कर्म करने की शिकायत की। जिस पर पुलिस ने पोक्सो अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया। मामले में विवेचना के दौरान पीड़िता ने बताया कि ताऊ के लड़के ने डरा-धमकाकर 3 से 4 बार उससे जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाये। ऐसे में वर्ष 2018 में पीडिता की तबीयत बिगड़ने पर परिजनों की ओर से उसका आल्ट्रासाउंड करवाने पर चिकित्सकों ने पीडिता को सात माह की गर्भवती बताया। जिसके बाद पीडिता ने परिजनों को मामले की पूरी जानकारी दी। ऐसे में मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने जिला एवं विशेष सत्र न्यायाधीश के सम्मुख 10 गवाह पेश किये। जिस पर शुक्रवार को सुनवाई करते हुए अदालत ने आरोपी को दोषी पाये जाने व पोक्सो अधिनियम के तहत 10-10 वर्ष की कठोर कारावास व दो लाख 5 सौ रूपये रूपये अर्थदण्ड के दंड से दंडित किया। वहीं अर्थदंड का भुगतान न करने पर 1-1 वर्ष के अतिरिक्त कारावास की भी सजा सुनाई है। मामले में कारावास के दंड एक साथ चलेंगे। वहीं पीड़िता को धमकाने के मामले में 6 माह का साधारण कारावास व 500 के अर्थदण्ड से भी दंडित किया है। जबकि अर्थदंड का भुगतान न करने पर 15 दिन के अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा सुनाई है। न्यायालय में पीड़िता की ओर से विशेष लोक अभियोजक (पोक्सो) मोहन पंत ने मामले की पैरवी की।
चचेरी बहन के दुष्कर्मी को 10 साल का कारावास
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