चमोली: जिले में आगामी 22 अगस्त से शुरु होने वाली लोकजात यात्रा को लेकर आयोजन समिति की ओर से तैयारियां पूरी कर ली गई है। लेकिन इस वर्ष आयोजन समिति की ओर से दशोली की माँ नंदा की डोली के यात्रा मार्ग में बदलाव किया गया है। इस वर्ष दशोली की माँ नंदा फरस्वाण फाट से निजमूला घाटी होते हुए बालपाट पहुंचेगी। जबकि बधांण की माँ नंदा परम्परिक मार्ग से होते हुए वेदनी बुग्याल पहुंचेगी।
बता दें, गढवाल और कुमाऊं की अधिष्ठात्री माँ नंदा की 12 वर्षों में आयोजित होने राजजात यात्रा की तर्ज पर प्रत्येक वर्ष चमोली जिले में लोकजात यात्रा का आयोजन किया जाता है। जिसके तर्ज माँ नंदा के सिद्धपीठ से भाद्रपद की 6 गते को प्रतिवर्ष लोकजात यात्रा का आयोजन किया जाता है। जिसे तहत दशोली की माँ नदंा की डोली जहां बालपाटा और बधांण की नंदा वेदनी में नंदा अष्टमी को पूजा-अर्चना को पहुंचती है। जिसके बाद जहां दशोली की नंदा सिद्धपीठ कुरुड़ पहुंचती है। वहीं बधांण की माँ नंदा की डोली छह माह प्रवास के लिये अपने ननिहाल देवराड़ा पहुंचती है। जहां प्रवास के बाद माँ नंदा की डोली पौष पूर्णिमा के दिन देवराड़ा से सिद्धपीठ करुड़ के लिये प्रस्थान करती है।