चमोली : जिला मुख्यालय गोपेश्वर में अलकनन्दा वन प्रभाग के कार्यालय से महज 5 किमी की दूरी पर बड़े पैमाने पर अनियंत्रित तरीके से भवन निर्माण के मलबे का निस्तारण किया जा रहा है। जिससे यहां वन संपदा को खासा नुकसान हो रहा है। वहीं अब मलबा बालखिला नदी में जाने लगा है। लेकिन मामले को लेकर वन विभाग के अधिकारी लापरवाह बने हुए हैं। ऐसे में वनों के संरक्षण को लेकर विभाग की कार्य प्रणाली का अंदाजा लगाया जा सकता है।
बता दें, गोपेश्वर-पोखरी मार्ग के किमी दो पर अलकनन्दा वन प्रभाग की वन पंचायत पपडियांणा के वन क्षेत्र में गोपेश्वर नगर में निर्णाधीन भवनों का मलबा से वन क्षेत्र में निस्तारित किया जा रहा है। जिससे यहां सड़क के निचले हिस्से में लगे पौधे और झाडियां मलबे में दब गई हैं। मलबा निस्तारण से बने स्लाइड से मलबा अब बलाखिला नदी में जाने लगा है। ऐसे में यहां वन संपदा के क्षतिग्रस्त होने के साथ ही यहां अज्ञात लोगों की ओर से खुलेआम केंद्र सरकार की नमामि गंगे परियोजना को भी पलीता लगाया जा रहा है। लेकिन विभागीय अधिकारियों की ओर से इस ओर कोई ध्यान न दिये जाने से यहां मलबा निस्तारित करने वालों के हौंसले बुलंद हैं।
अनियंत्रित मलबा निस्तारण से वन संपदा को हो रहा नुकसान
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