राज्य में भारी बारिश का अलर्ट, शासन-प्रशासन भी हुआ अलर्ट

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  •    मुख्य सचिव ने अधिकारियों को अलर्ट रहने के दिये निर्देश। 

देहरादून : मुख्य सचिव डॉ एसएस संधु ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में भारी वर्षा के दृष्टिगत गढ़वाल व कुमाऊं आयुक्त सहित सभी जिलाधिकारियों को आने वाली चुनौती के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने अधीकारियों को प्रत्येक स्तर पर सतर्कता बरते जाने व सभी विभागों को आपसी समन्वय से कार्य करने के भी निर्देश दिए हैं।
मुख्य सचिव ने राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र एवं सभी जिला आपातकालीन परिचालन केंद्रों में विभागों के  नोडल अधिकारियों की तैनाती के निर्देश दिये हैं।

  • मिनिमम रिस्पांस टाइम किया जाए सुनिश्चित : मुख्य सचिव
 मुख्य सचिव ने आपदा के बाद मिनिमम रिस्पांस टाइम करने के लिये आपदा प्रभावित स्थानों का चयन कर आवश्यक तैयारियां पूर्ण करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने पेयजल व ऊर्जा निगम के अधिकारियों को विद्युत व पेयजल आपूर्ति सुचारू रखने के लिये उपकरण स्टोर करने के भी निर्देश दिये हैं।
  • नदियों व बैराजों के जलस्तर पर रखी जाए पैनी नजर

मुख्य सचिव ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को नदियों व बैराजों के जलस्तर पर पैनी नजर रखने के साथ ही बाढ़ चौकियों को सक्रिय कर जलस्तर बढ़ने पर सूचना प्रसारित करने के पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने  राजस्व उपनिरीक्षक, ग्राम विकास अधिकारियों व ग्राम पंचायत अधिकारियों को कार्यस्थलों में बने रहने के साथ ही चौकियों व थानों में आपदा सम्बन्धी उपकरणों व वायरलैस सहित हाई अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए गए हैं।

  • खाद्यान्न एवं संचार की समुचित व्यवस्था की जाए सुनिश्चित

मुख्य सचिव ने वर्षा काल के दौरान अथवा आपदा जैसी परिस्थितियों हेतु चिन्हित खाद्यान्न गोदामों में खाद्यान्न की समुचित मात्रा की उपलब्धता सुनिश्चित किए जाने हेतु निर्देश दिए। उन्होंने आपदा के दृष्टिगत दुर्गम स्थलों में दूरसंचार व्यवस्था सुचारू बनाए रखने हेतु एसडीआरएफ द्वारा उपलब्ध कराए गए सैटेलाइट फोन भी एक्टिव रखने के निर्देश दिए। साथ ही, पैरामेडिकल स्टाफ, दवाईयों एवं आवश्यक उपकरणों की समुचित मात्रा सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव के निर्देश पर सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा ने सभी जिलाधिकारियों एवं आपदा से सम्बन्धित विभागाध्यक्षों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से उनके स्तर पर की गई तैयारियों के संबंध में जनाकारी लेते हुए व्यवस्थाओं की समीक्षा की। सचिव आपदा प्रबंधन ने मैदानी जिलों के जिलाधिकारियों से बाढ़ चौकियों के साथ बाढ़ नियंत्रण टीमों के गठन के साथ ही आवश्यकता के दृष्टिगत बोट आदि की व्यवस्था करने की बात कही।उन्होंने आपदा प्रभावितों को खाद्यान्न एवं पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था के साथ ही पशुओं के चारे आदि को भी समय से प्रबंधन करने के आदेश दिये।

सचिव आपदा प्रबंधन द्वारा पर्वतीय जनपदों के जिलाधिकारियों से भी आपदा प्रबंधन से संबंधित तैयारियों की समीक्षा की तथा उनके स्तर पर की गई व्यवस्थाओं की जानकारी प्राप्त की।
उन्होंने सभी डेमों के निरीक्षण करने, नदियों में पानी बढ़ने की स्थिति की त्वरित सूचना प्रेषण, साइरन सिस्टम, वायरलेस सिस्टम को भी प्रभावी बनाने को कहा। आपदा की स्थिति में बल्क एसएमएस की भी व्यवस्था बनाये जाने के उन्होंने निर्देश दिये, उन्होंने जरूरत पड़ने पर हेलीकॉप्टर की व्यवस्था बनाये जाने की बात कही।
सचिव आपदा द्वारा आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के साथ ही सिंचाई, लोक निर्माण, पेयजल, विद्युत, खाद्यान्न, स्वास्थ्य आदि विभागों के प्रमुखों से भी वार्ता कर व्यवस्थाओं की जानकारी प्राप्त की तथा सभी से समन्वय के साथ कार्य करने की अपेक्षा की। उन्होंने कहा कि इस संबंध में सभी जिलाधिकारियों को धनराशि उपलब्ध करायी जा चुकी है। सभी जिलाधिकारियों ने सचिव आपदा को अवगत कराया कि उनके स्तर पर एहतियातन आवश्यक व्यवस्थायें कर दी गई है।

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