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जोशीमठ : दक्षिणाम्नाय श्रृंगेरीपीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य भारती तीर्थ महास्वामी जी ने ज्योतिष पीठ और द्वारिका शारदा के ब्रह्मलीन हुए शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती महाराज जी के पांचभौतिक शरीर के समक्ष अभिषिक्त हुए ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वती महाराज एवं द्वारका शारदापीठाधीश्वर जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी
सदानन्द सरस्वती महाराज का श्रृंगेरीपीठ की अधिष्ठात्री देवी शारदाम्बा के मन्दिर में वैदिक मन्त्रोच्चार के बीच अभिषेक किया।
यह जानकारी देते हुए ज्योतिष पीठ के ब्रह्मचारी मुकुदानन्द जी ने बताया शंकराचार्य द्वय का अभिषेक करने से पूर्व शंकराचार्य भारती तीर्थ महाराज ने जगद्गुरुओं के शीश पर स्नेह का हाथ रख कर कहा मैं ब्रह्मलीन द्विपीठाधीश्वरत्वर जगद्गुरु शंकराचार्य जी महाराज के करकमलसंजात दण्डी संन्यासी उत्तराधिकारी शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती का ज्योतिष्पीठ पर और स्वामी श्री सदानन्द सरस्वती का पश्चिमाम्नाय द्वारकापीठ पर अभिषेक कर रहता हूॅ।
ज्ञात हो कि वर्ष 2007 ई. में ही बेंगलूरु में वेदान्त भारती संस्था द्वारा आयोजित चतुष्पीठ सम्मेलन में ही ब्रह्मलीन जगद्गुरु शंकराचार्य जी महाराज ने इन दोनों को अपने उत्तराधिकारी के रूप में श्रृंगेरीपीठाधीश्वर जी महाराज के सभक्ष प्रस्तुत कर दिया था। ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद महाराज के शिष्य ब्रह्म चारी मुकुंदानन्द जी बताया ब्रह्मलीन शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद महाराज ने यह भी बता दिया था कि उनके ब्रह्मलीन हो जाने के पश्चात् स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद महाराज ज्योतिष पीठ और स्वामी सदानंद महाराज द्वारिका शारदा पीठ के लिए अभिषिक्त हो जाने के बाद कै सभी आवश्यक धार्मिक कृत्य सम्पन्न कराएंगे। उस के अनुसार ब्रह्म लीन शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज के निजी सचिव ब्रह्मचारी सुबुद्धानन्द जी अभिषेक-तिलक आदि उनका पांचभौतिक देह के समक्ष ही 12 सितम्बर 2022 को विधिवत् सम्पन्न कराया था।
इनसेट
ज्योतिष पीठ और द्वारिका शारदा पीठ के शंकराचार्यों का अभिषेक करने के बाद शृंगेरीपीठाधीश्वर भारती तीर्थ महास्वामी जी ने यह भी घोषणा किया कि 20 दिन पश्चात् शुभ मुहूर्त में उनके उत्तराधिकारी स्वामी श्री विधुशेखर भारती जी महाराज द्वारकापीठ तथा ज्योतिर्मठ बदरिकाश्रम हिमालय में जाकर जगद्गुरु पद पर आरूढ़ होने के पश्चात् के जो धार्मिक कृत्य किए जाते हैं उन सभी का विधि-विधान से सम्पादन करेंगे।
श्रृंगेरी पीठ के शंकराचार्य महाराज ने यह भी घोषणा किया कि वे एवं दोनो नये शंकराचार्य अर्थात् तीनों आम्नाय मठ एकजुट होकर सनातन धर्म का कार्य करेंगे। श्रृंगेरी के शंकराचार्य महाराज ने ज्योतिष पीठ और द्वारिका शारदा पीठ के नवनियुक्त शंकराचार्यों को रजत कमण्डलु भी भेंट किया।
इस समारोह में ब्रह्मचारी ध्यानानन्द, ज्योतिर्मयानन्द ब्रह्मचारी, ब्रह्मचारी उद्धवस्वरूप, ब्रह्मचारी अचलानन्द, ज्योतिष्पीठ पण्डित आचार्य रविशंकर द्विवेदी शास्त्री, आचार्य पं राजेन्द्र द्विवेदी, भारत धर्म महामण्डल के आचार्य पं परमेश्वर दत्त शुक्ल एवं काशी विद्वत् परिषद् के आचार्य पं कमलाकान्त त्रिपाठी, छत्तीसगढ से पं प्रकाश उपाध्याय, कैप्टन अरविन्द, आनन्द उपाध्याय, पं शैलेष, कृष्ण पाराशर आदि मौजूद थे।