शैव सर्किट से चमोली के पौराणिक शिव मंदिर नदारद

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  • पर्यटन विकास परिषद के शैव सर्किट में कल्पेश्वर, गोपीनाथ, बैरासकुंड और केदारेश्वर मंदिर नहीं शामिल, लोगों में नाराजगी। 

चमोली : पर्यटन विकास परिषद की ओर से बनाये गए शैव सर्किट में चमोली के पांचवे केदार कल्पेश्वर सहित गोपीनाथ, बैरासकुण्ड और बद्रीनाथ धाम के केदारेश्वर मंदिरों को शामिल नहीं किया गया है। जिससे चमोली जिले के लोगों में खासी नाराजगी है। स्थानीय लोगों ने  राज्य सरकार से शैव सर्किट मंदिरों की जानकारी को दुरुस्त करने की मांग उठाई है।

बता दें, कि पर्यटन विकास परिषद की ओर से राज्य में तीर्थाटन विकास की मंशा से शैव सर्किट बनाया गया है। लेकिन परिषद की ओर से बनाये गये शैव सर्किट में पंच केदारों में शामिल पंचम केदार के साथ ही गोपीनाथ, बैरासकुण्ड और बद्रीनाथ के केदारेश्वर मन्दिर की जानकारी नहीं दी गयी है। जिससे चमोली के आस्थावान लोगों में नाराजगी है। ग्राम प्रधान देवग्राम देवेंद्र सिंह रावत, कल्पनाथ मंदिर प्रबंधन समिति के सचिव रघुवीर नेगी, ब्लाॅक प्रधान संगठन के अध्यक्ष अनूप नेगी, पूर्व ग्राम प्रधान भेंटा और ज्योतेश्वर महादेव मंदिर के पुजारी महिमा नंद उनियाल कहा कहना है कि मान्यता के अनुसार पंच केदरों में भगवान शिव के विभिन्न अंगों की पूजा होती है। ऐसे में कल्पेश्वर मंदिर में भगवान शिव की जटाओं की पूजा अर्चना की जाती है। ऐसे में बिना शिव की जटाओं के दर्शन कर शैव सर्किट की यात्रा की पूर्ण नहीं हो सकती। ऐसे में पर्यटन विकास परिषद की ओर बनाया गया सर्किट अपूर्ण है।

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