चमोली: चारधाम यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्री चमोली में बदरीनाथ धाम, हेमकुंड साहिब, फूलों की घाटी के साथ ही अन्य धार्मिक व पर्यटक स्थलों का दीदार कर सकते हैं। आप अगर समय लेकर जिले में पहुंचते हैं। तो जिले के अन्य धार्मिक और पर्यटक स्थलों के दीदार कर सकते हैं। जो मन, मस्तिष्क को सुकून देगा।
बदरीनाथ और हेमकुंड साहिब के अलावा अन्य दर्शनीय स्थल-
मां नंदा सिद्घपीठ कुरुड़ मंदिर
बदरीनाथ हाईवे पर ऋषिकेश से 190 किलोमीटर की दूरी पर स्थित नंदप्रयाग से नंदानगर सड़क पर 25 किलोमीटर की दूरी तय कर कुरुड़ गांव में उत्तराखंड की अधिष्ठात्री देवी मां नंदा मंदिर के दर्शन किये जा सकते हैं। यहां मां नंदा को भगवान शिव की पत्नी के रूप में पूजा जाता है।
संतानदायिनी माता अनसूया मंदिर
चमोली-ऊखीमठ सड़क पर गोपेश्वर से 8 किमी की सड़क और पांच किमी की पैदल दूरी पर संतानदायनी अनसूया माता मंदिर पहुंचा जा सकता है। यह मंदिर निर्जन जंगल में स्थित है, प्रतिवर्ष दत्तात्रेय पर्व पर यहां दो दिवसीय अनसूया माता मेला आयोजित होता है, मंदिर में निसंतान दंपत्ति संतान कामना लेकर पहुंचते हैं।
गोपीनाथ मंदिर
गोपेश्वर नगर क्षेत्र में स्थित गोपीनाथ मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। यह गढ़वाल क्षेत्र का सबसे बढ़ा मंदिर है। यह मंदिर भगवान रुद्रनाथ का शीतकालीन प्रवास स्थल भी है। मंदिर अपनी वास्तुकला के कारण अगल पहचान रखता है। मंदिर परिसर में एक विशाल त्रिशूल भी स्थित है, स्थानीय मान्यता है कि जब भगवान शिव ने कामदेव को मारने के लिए अपना त्रिशूल फेंका तो वह यहां गढ़ गया। त्रिशूल की धातु अभी भी सही स्थित में है।
नीती घाटी में बाबा बर्फानी
चमोली जनपद के चीन सीमा क्षेत्र में नीती घाटी में बाबा बर्फानी की गुफा स्थित है। बाबा बर्फानी तक पहुंचने के लिए निकटतम हवाई अड्डा जालीग्रांट हवाई अड्डा है, यहां से टिम्मरसैंण बाबा बर्फानी गुफा की दूरी लगभग 354 किलोमीटर है। बदरीनाथ हाईवे से जोशीमठ तक और यहां से मलारी हाईवे पर नीती गांव पहुंचा जाता है। जहां दो किमी की पैदल दूरी पर बाबा बर्फानी की गुफा है। बाबा बर्फानी शीतकाल में दर्शन देते हैं।
कल्पेश्वर महादेव मंदिर
जिले के जोशीमठ ब्लाॅक की उर्गम घाटी में समुद्र तल से 2134 मीटर की ऊंचाई पर स्थित कल्पेश्वर मंदिर पंच केदारों में से पांचवा केदार है। यहां ट्रैकिंग के दीवाने जहां अनसूया मंदिर होते हुए चतुर्थ केदार रुद्रनाथ होते हुए कल्पेश्वर पहुंचा जा सकता है। वहीं बदरीनाथ हाईवे से हेलंग-उर्गम मोटर मार्ग से 17 किमी वाहन से पहुंचा जा सकता है। क्षेत्र में भगवान शिव की जटाओं के दर्शन के साथ ही यहां कल्पवृक्ष, गौरा देवी मंदिर, घंटाकर्ण, ध्यान बदरी मंदिर, विश्वनाथ मंदिर और उर्वशी मंदिर हैं।
चमोली में स्थित हैं ये अन्य दर्शनीय स्थल
इसके अलावा निजमुला घाटी, देवताल, बेनीताल, रुपकुंड, लोहाजंग, लार्ड कर्जन रोड, पोखरी का बामनाथ मंदिर, पर्यटन स्थल मोहनखाल के सैर-सपाटे और दर्शनों के लिए भी जाया जा सकता है।