पहले जाँच के बाद नहीं हुई कार्रवाई, अब जांच के दस्तावेज गायब

Advertisement

चमोली : जिले के नारायणबगड़ ब्लाॅक में पशुपालन चिकित्साल में सरकारी योजनाओं के संचालन में हुई गड़बड़ी की शिकातय पर एक वर्ष पूर्व हुई जांच के बाद कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है। वहीं अब शिकायतकर्ता की ओर से जांच रिपोर्ट आरटीआई में मांगे जाने पर विभाग की ओर से जांच रिपोर्ट न मिलने की बात कही गई है। जो सरकारी सिस्टमन की कार्य प्रणाली को स्पष्ट कर रहा है।

बता दें, आरटीआई कार्यकर्ता मंगल सिंह की ओर वर्ष 2020 में वर्ष 2015 से 2020 के मध्य पशुपालन विभाग की ओर से नारायणबगड़ ब्लाॅक में संचालित सरकारी योजनाओं की जानकारी मांगी। जिस पर विभाग की ओर से दी गई जानकारी में अनियमितता मिलने पर उन्होंने जून 2020 में तत्कालीन जिलाधिकारी से मामले की जांच कर कार्रवाई की मांग उठाई थी। जिस पर जिलाधिकारी ने उप जिलाधिकारी थराली को मामले की जांच के आदेश दिये थे। जिस पर तत्कालीन नायब तहसीलदार नारायणबगड़ की ओर से मामले की जांच कर रिपोर्ट जिलाधिकारी कार्यालय को भेजी गई। लेकिन वर्तमान तक मामले में कोई कार्रवाई न होने पर जब मंगल सिंह ने आरटीआई के माध्यम से जिला प्रशासन से जांच रिपोर्ट की जानकारी मांगी तो प्रशासन की ओर से उन्हें लिखित सूचना देते हुए पत्रावली उपलब्ध न होने और खोजबीन करने की बात कही गई है।

आरटीआई कार्यकर्ता मंगल सिंह का कहना है कि मजिस्ट्रेटी जांच के महत्वपूर्ण दस्तावेजों का पटल में न होना जिले में सरकारी योजनाओं के संचालन, उनमें हो रही गड़बड़ी और प्रशासन की लापरवाही को उजागर कर रहा है। उन्होंने मामले में जिला प्रशासन से शीघ्र कार्रवाई की मांग उठाई है।

Previous articleजिला योजना 2022-23 के लिए 4942.00 लाख रूपये की धनराशि अनुमोदित
Next articleपेयजल उपभोक्ताओं ने जल संस्थान कार्यालय पर की तालबंदी