मुख्य सचिव ने कहा कि गोवंश की देखभाल एवं कांजी हाउस हेतु नीति तैयार की जाए। साथ ही, त्यागे गए गोवंशों को इसमें शामिल करते हुए कांजी हाउस तैयार किए जाएं। उन्होंने कहा कि पूर्व से संचालित हो रहे कांजी हाउसों के विस्तारीकरण की संभावनाओं को तलाशा जाए। इसके साथ ही स्वयं सेवकों, एनजीओ एवं व्यक्तिगत रूप से संचालित किए जा रहे कांजी हाउसों को भी विस्तारित किया जा सकता है, जिसके लिए सरकार द्वारा हर संभव सहायता उपलब्ध कराई जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि शहरी विकास विभाग को शामिल कर इसके लिए प्लान तैयार किया जाए। इस प्रकार के कांजी हाउस संचालित करने वालों से मिलकर उनकी समस्याओं को समझने एवं निराकरण करने के प्रयास किए जाएं, साथ ही उनसे सुझाव भी लिए जाएं। मुख्य सचिव ने इस दिशा में कम्युनिटी पार्टिसिपेशन पर फोकस किए जाने पर जोर दिया।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्धन एवं सचिव श्री वी वी आर सी पुरुषोत्तम सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित थे।