देहरादून: उत्तराखंड में मुस्लिम लैंड जिहाद के मामले में सियासत गरमाती जा रही है. दअरसल गैरसैण में बजट सत्र के दौरान उत्तराखंड विधानसभा में पहली बार किसी विधायक ने राज्य में बढ़ रहे जनसंख्या असंतुलन और मुस्लिम लैंड जिहाद के मामले को उठाया है. बीजेपी के रुद्रपुर विधायक शिव अरोरा ने सदन में जनसंख्या असंतुलन को लेकर चिंता जताते हुए मुस्लिम लैंड जिहाद का मुद्दा उठाया.
इस मामले में उन्होने चिंता जताई है कि उत्तराखंड में यह समस्या एक विकराल रूप धारण कर रही है. साथ ही राज्य में जनसंख्या असंतुलन एक बड़ी समस्या बनती जा रही है. वहीं अब इस मामले में विपक्ष ने सवाल खड़े किए है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा का कहना है कि बीजेपी चुनाव से पहले ध्रुवीकरण की राजनीति करती है. आज इसी मुद्दे पर चर्चा करेंगे.
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इस मुद्दे पर विपक्ष पार्टी के कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा का कहना है कि बीजेपी चुनाव से पहले ध्रुवीकरण की राजनीति करती है. सरकार बीजेपी की है ऐसे में यदि उत्तराखंड में कोई ऐसा कर रहा है तो कार्रवाई सरकार को करनी चाहिए.
वहीं इस मुद्दे को लेकर बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता वीरेंद्र बिष्ट का कहना है कि मामला सरकार के संज्ञान में है और सरकार किसी भी कीमत पर राज्य में लैंड जिहाद को बढ़ावा नहीं होने देगी.
कुल मिलाकर उत्तराखंड में मुस्लिम आबादी असम के बाद सबसे ज्यादा बढ़ रही है. खास तौर पर चार मैदानी जिलों में ये आबादी पैतीस प्रतिशत से भी ज्यादा हो गई है और ये जनसंख्या असंतुलन का सबसे बड़ा कारण देवभूमि में बन गई है. हल्द्वानी, पछुवा देहरादून, हरिद्वार, उधमसिंहनगर जिले में सरकारी जमीनों पर मुस्लिम आबादी अवैध रूप से तेजी के साथ बढ़ी है.इसी पर बीजेपी विधायक ने चिंता जताई है. सवाल ये है कि क्या वाकई हालात इस तरह के हैं जैसा कि विधायक शिव अरोड़ा का दावा है. अगर हां तब देखना होगा कि राज्य की पुष्कर सिंह धामी सरकार इस मुद्दे पर क्या रुख और रणनीति अपनाती नजर आती है. सवाल ये भी है कि आखिर जब उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड में भी बीजेपी की सरकार है तो फिर क्यों लैंड जिहाद के मामले बढ़ रहे हैं.