पौड़ी गढ़वाल: वैसे तो बाघ को देखकर अच्छे-अच्छे की हालत टाइट हो जाती है. लेकिन, रिखणीखाल के एक बुजुर्ग ने बाघ के सामने आने के बाद भी हिम्मत नहीं हारी. दो-दो बाघों के सामने होने के बाद भी पहाड़ी बुजुर्ग ने हार नहीं मानी और डटकर सामना किया. वो कुदाल लेकर बाघों पर टूट पड़ा. बुजुर्ग का साहस देखर बाघ भी डर कर पीछे हट गया.
गुरुवार को रिखणीखाल ब्लॉक के ग्राम पंचायत तोल्यूडांडा के सेरोगाड गांव के मरगांव तोक निवासी मनवर सिंह (70 वर्ष) रावत सुबह साढ़े सात बजे हाथ में कुदाल लेकर खेतों में गया था. इसी दौरान रास्ते में घात लगाए बैठे दो बाघों ने उन पर हमला कर दिया.
खतरे को भांपते हुए ने बुजुर्ग ने हिम्मत जुटाई और शोर मचाते हुए बाघों पर कुदाल से हमला करना शुरू कर दिया. इस दौरान बाघ ने उन पर कई बार हमला करने की कोशिश की. लेकिन, उन्होंने बार-बार कुदाल से वार कर बाघ के सभी हमले विफल कर दिए.
इसके बाद एक बाघ नीचे झाड़ियों में भाग गया. बाघ के भागने के बाद बुजुर्ग भी वहां से रफू-चक्कर हो गया, लेकिन बाघ उसके बाद भी उसका पीछा करने लगा. बाघ ने लगभग 100 मीटर तक उसका पीछा किया. इस बीच शोर सुनकर ग्रामीण घटनास्थल की ओर दौड़ पड़े. इसके बाद दूसरा बाघ भी झाड़ियों की ओर भाग गया. बाघ के हमले में वृद्ध का पांव जख्मी हो गया.