ऋषिकेश: नगर निगम बोर्ड बैठक में नहीं पहुंचे 23 पार्षद, ऑरेंज सिटी का प्रस्ताव हुआ स्थगित, जानिए क्या रहा खास

Advertisement

ऋषिकेश: नगर निगम बोर्ड बैठक भगवाकरण रंग में नजर आई। बीजेपी के कई पार्षद भगवा पगड़ी, गमछा और कपड़ों में नजर आए। हालांकि इस बैठक में ऋषिकेश शहर को ऑरेंज सिटी बनाने वाले प्रस्ताव को स्थगित कर दिया गया।

रविवार को हुई नगर निगम बोर्ड बैठक में पार्षद अल्प संख्या में पहुंचे। इस दौरान कुल 40 निर्वाचित पार्षदों में से 17 पार्षद उपस्थित रहे। वहीं 23 पार्षदों ने बैठक का बहिष्कार किया। बावजूद इसके सदन में कई प्रस्तावों को स्वीकार कर लिया गया।

बोर्ड बैठक में टंचिंग ग्राउंड का मुद्दा भी उठाया गया।जिसमें कई सालों से शहर का कूड़ा जमा हुआ है। पार्षद जगत सिंह नेगी ने कहा कि जमीन को नगर निगम अपने अंतर्गत लेने के लिए हाईकोर्ट में मजबूती के साथ पैरवी करे। जिससे जमीन का उपयोग शहर में पार्किग और स्टेडियम बनाने के लिए किया जा सके। जिसे बोर्ड बैठक में सर्वसम्मति से पास किया गया।

इस दौरान पार्षदों ने नाली सफाई का भी मुद्दा उठाया। जिसके बाद  मेयर अनीता ममगाईं ने सफाई निरीक्षकों को फटकार लगाते हुए सफाई व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश दिए।

मौके पर पार्षदों द्वारा नगर निगम में JE के रिक्त पद भरने की भी मांग की। जिसके लिए मेयर द्वारा आश्वासन दिया गया कि शासन को इसका प्रस्ताव भेज दिया गया है।

इस दौरान मेयर अनिता ममगाई ने कहा कि पूर्व बोर्ड की बैठक में जो प्रस्ताव पारित हुए थे, उन्हें चरणबद्ध तरीके से धरातल पर उतारा जा रहा है। बैठक में निगम के वार्षिक बजट चर्चा के बाद मुहर लगाई गई। इसके अलावा शहर के पार्कों , निगम की सड़कों और नालियों  के निर्माण के साथ विभिन्न महत्वपूर्ण प्रोजेक्टों पर भी गंभीर चर्चा हुई।

उन्होंने कहा कि तीर्थ नगरी के कुछ आश्रमों एवं धर्मशालाओं के खुर्द-बुर्द करने के मामले पर नाराज नजर आई मेयर ने इस पर सख्ती के साथ रोक लगाये जाने की बात कही। कहा कि बेनामी सम्पत्तियों को भी निगम में मर्ज कराया जायेगा ताकि उनका उपयोग निगम की विभिन्न योजनाओं में किया जा सके। 

ऑरेंज सिटी के प्रस्ताव पर उन्होंने कहा कि 6 महीने बाद वे इस प्रस्ताव पर जनमत संग्रह करवाएंगी।

बैठक को लेकर उठे विरोध के स्वर

बोर्ड बैठक में अनुपस्थित रहे पार्षद विकास तेवतिया ने कहा कि महापौर की हठधर्मिता के कारण 23 पार्षद बोर्ड बैठक में शामिल नहीं हुए। उन्होंने कहा कि नियम अनुसार बोर्ड बैठक में 21 पार्षद शामिल होने चाहिए। लेकिन आज की बैठक में केवल 17 पार्षद शामिल थे। इसलिए आज की बोर्ड बैठक अवैध रूप से संचालित की गई। इसका वे लोग विरोध करते हैं। उन्होंने कहा कि इसकी शिकायत वेे कमिश्नर, निदेशालय और मुख्यमंत्री से करेंगे। 

मामले में मुख्य नगर आयुक्त नरेंद्र सिंह क्वीरियाल ने कहा कि नगर निगम अधिनियम के तहत प्रावधान है कि अगर बैठक स्थगित की जाती है और पार्षदों को अगली बैठक की जानकारी दी जाती है,  उसके बावजूद भी अगर पार्षद बैठक में उपस्थित नहीं होते हैं, तो बोर्ड बैठक में पार्षदों के बहुमत की आवश्यकता नहीं होती है। इस अधिनियम के चलते आज की हुई बोर्ड बैठक पूरी तरीके से वैध है।

उन्होंने कहा कि नगर वासियों के लिए खुशी की बात है की बोर्ड बैठक में जनहित के कई प्रस्ताव स्वीकार कर लिए गए हैं।

बैठक में उपस्थित पार्षद

लक्ष्मी रावत, अनीता रैना, रूपा देवी, मनीष बनवाल, ज्योति अशोक पासवान,विजेंद्र मोगा, विपिन पंत, विजय बडोनी, गुरविंदर सिंह, राजेंद्र प्रेम सिंह बिष्ट, जगत सिंह नेगी, अजीत सिंह, राकेश सिंह, शौकत अली, भगवान सिंह पंवार, मनीष शर्मा, देवेंद्र प्रजापति

Previous articleमंत्री सुबोध उनियाल का तीरथ सरकार में बढ़ा कद, मिली अहम जिम्मेदारी
Next articleउत्तराखंड मुख्यमंत्री हुए कोरोना पॉजिटिव, दी ये सलाह