देहरादून : राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय गोपेश्वर में आज अपनी संस्कृति को जानिये कार्यक्रम के तहत स्ववित्त पोषित बीएड विभाग द्वारा गढ़वाली व्यंजन प्रदर्शिनी आयोजित की गई। जिसमें प्रतिभागियों द्वारा बढ़ चढ़कर भाग लेते हुए विभिन्न प्रकार के गढ़वाली व्यंजन पकाए एवं परोसे गए।
प्रदर्शिनी का उद्घाटन करते हुए प्रभारी प्राचार्य डॉ मनोज उनियाल ने कहा कि वर्तमान समय में हर तरफ पिज़्ज़ा, बर्गर जैसी फ़ास्ट फ़ूड वाली खाद्य संस्कृति विकसित हो रही है ऐसे में छात्र छात्राओं का अपनी पहाड़ी भोजन शैली पकाने का प्रशिक्षण लेना एवं उसकी प्रदर्शिनी लगाना एक अभिनव एवं सराहनीय कदम है।
कार्यक्रम संयोजक विभागाध्यक्ष डॉ रमाकांत यादव ने कहा कि इस प्रदर्शिनी में पांच समूहों ने प्रतिभाग किया। गढ़वाली व्यंजनों की इस प्रदर्शनी में छात्र छात्राओं ने प्रमुख रूप से पतूड़े, रोटने, झंगोरे की खीर, भांग की चटनी, कद्दू का रायता, चैंसा, गहथ का फाणु, गहथ की मेसि रोटी, कोदे की रोटी, केले के गुलगुले, मीठा भात, कंडाली की सब्जी, आलू के गुटके, सकिंड के पकौड़े, आटे का हलवा, सोयाबीन के स्प्राउट पकाए एवं परोसे। जिसे आगंतुकों द्वारा काफी पसंद किया गया।
इस अवसर पर डॉ बीसी शाह, डॉ अखिलेश कुकरेती, डॉ मुकेश टम्टा, डॉ एसके लाल, डॉ विधि ढुंढियाल, डॉ नाभेन्द्र गुसाईं, मीडिया कोऑर्डिनेटर डॉ दर्शन सिंह नेगी, डॉ बबिता, डॉ रूपिन कंडारी, डॉ समीक्षा, विनीत डिमरी सतीश डिमरी, राजेन्द्र सिंह, दिलीप कुमार, सोनू कुमार आदि उपस्थित थे।