ऋषिकेश: युवा न्याय संघर्ष समिति की ओर से आज अंकिता भंडारी हत्याकांड में गलत बयानी का आरोप लगाते हुए धरना प्रदर्शन किया गया. इस प्रदर्शन के दौरान आंदोलनकारियों ने ऋषिकेश विधायक, वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल का पुतला भी जलाया. बता दें कि प्रेमचंद ने विधानसभा सत्र के बाद कहा था कि वहां कोई भी वीआईपी नहीं मिला है.
युवा न्याय संघर्ष समिति का धरना अंकिता भण्डारी हत्याकांड में शामिल वीआईपी के नाम उजागर करने व सीबीआई की मांग व विधानसभा भर्ती घोटाले में दोषियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर किया गया. इस मांग को लेकर 49 दिन से आंदोलन चल रहा है. पांच आंदोलनकारी चार दिन से बेमियादी अनशन कर रहे हैं.
गौरतलब है कि विधानसभा सत्र के बाद प्रेमचंद अग्रवाल ने वनंतरा रिजार्ट मामले में कहा था कि वहां कोई भी वीआइपी नहीं मिला. कमरे का नाम वीआइपी है, इसमें ठहरने वाले को वीआइपी कहा जाता है. उनके इस बयान से नाराज युवा संघर्ष समिति ने बुधवार को मंडी तिराहा हरिद्वार रोड पर उनका पुतला फूंका.
संघ की ओर से लगाए गए ये आरोप
पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष गौरव राणा व छात्र नेता साक्षी तिवारी ने कहा की हम एक ओर बहन अंकिता को न्याय दिलाने व बैकडोर से भर्ती करवाने वालों की सजा की मांग कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर ये सत्ता के नशे में चूर मंत्री बेबाक गलत बयानबाजी कर रहे हैं. हम राज्यपाल से मांग करते हैं कि ऐसे मंत्री को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर देना चाहिए. हम ये लड़ाई तब तक लड़ेंगे जब तक हमारी बहन व युवाओं को न्याय नहीं मिल जाता.
युवा नेता अजय दास ने कहा की जिस प्रकार युवा न्याय संघर्ष समिति ने पिछले 49वें दिन से अनिश्चित कालीन धरना व 15वें दिन से आमरण अनशन पर बैठकर बहन अंकिता भंडारी के दोषियों को सजा दिलाने व उन वीआईपी के नाम उजागर करने व विधानसभा बैकडोर भर्ती में दोषियों पर कार्यवाही को लेकर लगातार संघर्ष कर रहे हैं. परन्तु, सरकार बिल्कुल निष्ठुर हो गई है. इनके मंत्री कुर्सी पर बैठकर गलत बयान बाजी कर उन दोषियों को बचाने का काम कर रहे हैं. इससे साफ यह दर्शाता है कहीं ना कहीं यह भी उस पूरे प्रकरण में सम्मिलित है. इसलिए सरकार द्वारा दोषियों को बचाकर इस केस को रफा-दफा करने की साजिश की जा रही है.
उन्होंने आगे कहा कि अंकिता भंडारी के चैट से साफ पता चलता है कि वह किसी वीआईपी पर्सन के आने की बात कर रही थी फिर भी यह लोग दोषियों को बचाने के लिए उस वीआईपी को एक कमरा बता रहे हैं, ताकि इस केस से वीआईपी का नाम सामने ना आ पाए. इससे यह प्रतीत होता है कि वीआईपी कोई बहुत बड़ा आदमी है जो भाजपा या आरएसएस से जुड़ा है.
पुतला दहन के मौके पर वरिष्ठ पत्रकार ओम रतूड़ी, सुरेंद्र सिंह नेगी ,मदन सिंह राणा ,पूर्णिमा बडोनी,राहुल रावत ,प्रवीण अग्रवाल,लक्ष्मी बुडाकोटी, विष्णु राणा , रेखा राणा,डिम्पल चौहान, धुर्व प्रताप सिंह, पूर्णननाद जोशी आदि बड़ी संख्या लोग मौजूद रहे.