अंकिता हत्याकांड को लेकर 20 दिन से आंदोलन कर रहे हैं लोग , जानें क्या चाहते हैं आंदोलनकारी ?

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ऋषिकेश: अंकिता हत्याकांड के 20वें दिन भी युवा न्याय संघर्ष समिति का धरना प्रदर्शन जारी है. इस मामले में छुपे वीआईपी के नामों को उजागर करने और विधानसभा भर्ती घोटाले के मुख्य दोषी प्रेमचंद्र अग्रवाल सहित अन्य लोगों पर कार्रवाई की मांग की जा रही है. इसी कड़ी में युवा न्याय संघर्ष समिति के संयोजक मंडल ने मीडिया से बात-चीत की.

मीडिया से बात करने के दौरान समिति की सदस्य प्रमिला रावत ने बताया कि समिति का प्रतिनिधि मंडल कल देर शाम डीजीपी अशोक कुमार एंव एसआईटी चीफ पी रेणुका देवी से अंकिता हत्याकांड के बारे में चल रही जांच के सिलसिले में मुलाकात की और इसी संदर्भ में युवा न्याय संघर्ष समिति द्वारा उनके समक्ष मौखिक व लिखित में कई सवाल पूछे गये परन्तु उनके द्वारा कोई संतुष्टात्मक जवाब नहीं दिया. जिससे हम काफी आहत हुऐ हैं.

प्रेसवार्ता में की गई ये मांगे

युवा न्याय संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी संजय सिलस्वाल व संयोजक दीपक जाटव ने कहा कि कल हमारी समिति की ओर से डीजीपी अशोक कुमार जी व एस आईटी चीफ पी रेणुका देवी से मुलाकात कर अंकिता हत्याकांड के बारे में चल रही जांच के सिलसिले में उनके कार्यालय पहुंची और हमने अपना सवाल भरा पत्र भी उन्हें सौंपा. हमारे वहां पहुंचने के पश्चात हमने उन से सवाल भी पूछे कि अभी तक उस व्यक्ति वीआईपी का नाम एसआईटी द्वारा क्यों नहीं उजागर किया गया.

एसआईटी चीफ रेणुका देवी गोलमोल बात कर सवाल से हटने की कोशिश की, लेकिन हमारे पूछने पर कि जब अंकिता के चैट में भी यह लिखा था कि वीआईपी को एक्स्ट्रा सर्विस की बात थी तो फिर भी एसआईटी चीफ द्वारा पहले ही साबित कर दिया गया की उस चैट को कोई प्रूफ ना मानते हुए यह कहा गया कि वह वीआईपी कोई नहीं था. वह वीआईपी कमरा था जिसका किराया 10 से 15 हजार था, इसलिए उस कमरे में रहने वाले को वीआईपी कहा जाता था.

युवा न्याय संघर्ष समिति के सदस्य हिमांशु रावत ने कहा कि हमने कल एसआईटी चीफ पी रेणुका देवी से यह भी जानने की कोशिश की जब अंकिता भंडारी का पोस्टमार्टम किया जा रहा था तो वहां पर महिला डॉक्टर क्यों नहीं थी. उसके जवाब में उन्होंने कहा कि वह काम हमारा नहीं है वह आप जाकर एम्स डॉक्टर से पूछें. हमारे लिए बहुत निराशाजनक बात किया है की मुख्यमंत्री की ओर से पुलिस से या केस हटाकर एसआईटी को इसलिए सौंपा लिया था कि वह निष्पक्ष एवं सत्य की जांच करेगी किसी भी तथ्य को नजर अंदाज नहीं किया जाएगा.

हम देख रहे हैं कि यहां पर हर तरीके से हर स्तर पर लापरवाही की जा रही है हम चाहते हैं जल्द से जल्द यह जांच सीबीआई को सौंपी जाए जिससे अंकिता भंडारी व उनके माता-पिता न्याय मिल सके.

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