फीस बढ़ाने के विरोध में धरने पर बैठे मेडिकल छात्र, कॉलेज प्रशासन मौन

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देहरादून: शहर के एसजीआरआर मेडिकल कॉलेज में छात्र-छात्राएं तीन दिनों से धरने पर बैठे हुए हैं. यह कॉलेज देहरादून के सबसे बड़े मेडिकल कॉलेजों में शुमार है. यह आंदोलन छात्रों द्वारा कॉलेज में लगातार बढ़ रही फीस के चलते किया जा रहा है. छात्रों का कहना है कि फीस का मुद्दा तो फिलहाल कॉलेज प्रशासन और छात्रों के अभिभावकों के बीच न्यायालय में विचाराधीन है. लेकिन, कॉलेज द्वारा उन्हें इंटर्नशिप करने से भी रोका जा रहा है. छात्रों और कॉलेज के बीच हुई बातचीत में यह निष्कर्ष निकलकर सामने आया है कि यदि छात्र अपनी फीस नहीं भरते तो उन्हें इंटर्नशिप भी नहीं करने दी जाए जो कि मेडिकल लाइन में बेहद जरूरी होती है.

छात्रों द्वारा लगाए आरोप

इतना ही नहीं छात्रों ने कॉलेज पर बर्बरता करने के भी गंभीर आरोप लगाए हैं. छात्रों का आरोप है कि उनके द्वारा सत्याग्रह के तर्ज पर धरना दिया जा रहा था. लेकिन, कुछ लोगों ने कॉलेज की एंबुलेंस में आकर उनके साथ बर्बरता की है. उस दौरान उनके पास धारदार हथियार भी मौजूद थे. वहीं छात्रों के टेंट भी फाड़ दिए गए और उन्हें नुकसान भी पहुंचाया गया. इस दौरान कई छात्राओं से बदतमीजी,धक्का-मुक्की भी की गई. कई छात्राओं के बाल तक पकड़कर उन्हें खींचा गया.

उन्होंने बताया कि जब यह पूरा मामला चल रहा था तो कॉलेज में मौजूद सिक्योरिटी आंख बंद कर इस पूरे प्रकरण को देख रही थे. वहीं उनके द्वारा किसी को भी रोकने की कोशिश नहीं की गई. एंबुलेंस में जो लोग धारदार हथियार लेकर कॉलेज परिसर के अंदर पहुंचे थे उन्हें भी कॉलेज द्वारा संरक्षण देते हुए कॉलेज के दूसरे गेट से बाहर निकाल दिया गया. छात्रों के अनुसार इस मामले में एसजीआरआर कॉलेज की संलिप्तता है. वहीं कॉलेज ने आंदोलनरत छात्रों को नोटिस जारी कर अपना विद्यार्थी मानने से भी साफ इंकार कर दिया है. छात्रों के अनुसार कॉलेज का कहना है कि धरने पर बैठे छात्र या तो कॉलेज की बात माने या फिर कॉलेज हॉस्टल में दी गई फीस को लेकर अपने घर का रास्ता नापें.

छात्र-छात्राओं के साथ ही कॉलेज प्रशासन ने मीडियाकर्मी को भी नहीं छोड़ा. मेडिकल कॉलेज के परिसर में पहुंचे तो कॉलेज की निजी सिक्योरिटी कर्मियों द्वारा मीडिया से भी बदतमीजी की गई. उन्हें कॉलेज प्रशासन से मिलने से भी रोका गया. मौके पर मौजूद पुलिस फोर्स ने भी कॉलेज प्रशासन से ऊपरी आदेश का हवाला देते हुए मामले को रफा-दफा करने की कोशिश की. अब सोचने वाली बात यह है कि यदि कॉलेज ने नियामुसार कार्रवाई की है तो आखिर अपना पक्ष रखने से कॉलेज क्यूं पीछे हटता नजर आ रहा है. अंत में अंजाम जो भी हो छात्रों का भविष्य इस वक्त अधर में लटकता नजर आ रहा है.

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