हरिद्वार: देश में मंगलवार को साल का आखिरी पर्व स्नान कार्तिक पूर्णिमा और चंद्र ग्रहण लग रहा है. भारत के कई हिस्सों में चंद्रग्रहण देखा जा सकेगा. चंद्रग्रहण का सूतक काल भारतीय के समय अनुसार 8 बजकर 20 मिनट पर शुरू हो गया है. यह शाम 5 बजकर 20 मिनट से दिखाई देना आरंभ हो जाएगा और 6 बजकर 20 मिनट पर खत्म होगा. इसका असर हरिद्वार में चल रहे कार्तिक पूर्णिमा के गंगा स्नान पर भी देखा जा रहा है.
चंद्र ग्रहण के बारे में जानकारी देते हुए गंगा सभा के आचार्य अमित शास्त्री बताते हैं कि हरिद्वार में 5 बजकर 21 मिनट पर चंद्र उदय होगा. इसलिए ग्रहण का जो काल है 5 बजकर 21 मिनट से 6 बजकर 19 मिनट तक होगा. सूतक काल शुरू होने के साथ सुबह 8 बजकर 20 पर हरिद्वार के सभी मठ मंदिरों के कपाट बंद कर दिए गए हैं. जिसके बाद दूर-दूर से गंगा स्नान करने पहुंचे श्रद्धालु मंदिरों में पूजा अर्चना नहीं कर पर रहे हैं. ग्रहण के सूतक काल में शुभ कार्य नहीं होते हैं इसलिए इस अवधि में श्रद्धालु दान पुण्य भी नहीं कर रहे हैं तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि शाम 6:20 पर मंदिरों के कपाट खोल दिए जाएंगे और उसके बाद मां गंगा की भव्य आरती होगी.
कार्तिक पूर्णिमा का धार्मिक दृष्टि से काफी महत्व माना जाता है. मान्यता है कि कार्तिक मास में पड़ने वाले स्नान पर्व को देव दीपावली के रूप में मनाया जाता है क्योंकि इस दिन देवता धरती पर स्नान के लिए आते हैं. इसे लेकर हरिद्वार में आधी रात से ही श्रद्वालुओं के आने का सिलसिला शुरू हो चुका है. ब्रहमुहुर्त से ही भक्तों ने हरकी पैड़ी पहुंचकर स्नान करना शुरू कर दिया है.
सूतक काल का महत्व
आपकों बता दें कि चंद्रग्रहण और सूर्यग्रहण से पहले के वक्त को सूतक काल कहा जाता है. चंद्रग्रहण के वक्त सूतक काल 9 घंटे पहले लागू हो जाता है. वहीं सूर्यग्रहण के समय सूतक काल 12 घंटे पहले लग जाता है. ग्रहण के दौरान इस सूतक काल का बहुत महत्व होता है.
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