देहरादून: उत्तराखंड में एक बार फिर नए जिलों की मांग को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं. इसे लेकर राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि इसके लिए एक कमेटी काम कर रही है. कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद जिले बनाए जाएंगे. यह बयान सीएम ने काशीपुर में हुए एक कार्यक्रम के दौरान दिया था.
सीएम ने कार्यक्रम के दौरान दिए संकेत
काशीपुर में हुए एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में जल्द ही नए जिलों का गठन किया जाएगा. फिलहाल नए जिलों के गठन के लिए पूर्व में बनाई कमेटी की रिपोर्ट का इंतजार है. इसके अलावा समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट भी 30 जून तक तैयार कर दिया जाएगा.
आपकों बता दें कि उत्तराखंड में अलग राज्य गठने के बाद से ही यहां जिलों की मांग उठने लगी थी. 13 जिलों के साथ अस्तित्व में आया था. 15 अगस्त 2011 को तत्कालीन सीएम डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने चार शहरों को जिला बनाने की घोषणा की थी. इनमें उत्तरकाशी का यमुनोत्री, पौड़ी गढ़वाल का कोटद्वार, अल्मोड़ा का रानीखेत और पिथौरागढ़ का डीडीहाट क्षेत्र शामिल था. बाद में काशीपुरवासियों की नाराजगी के बाद इस शहर को भी जिला घोषित किए जाने पर मौखिक सहमति दे दी गई.
कांग्रेस के कार्यकाल में आए नए जिले
साल 2012 में कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के कार्यकाल में यह हुआ कि नए जिलों की भाजपा सरकार की घोषणा को दरकिनार कर राजस्व परिषद के अंतर्गत पुनर्गठन आयोग बनाकर उसे यह विषय सौंप दिया गया था.
इसके बाद साल 2016 में हरीश रावत ने सीएम बनने के बाद नए जिलों को लेकर कदम उठाए. उन्होंने साथ में आठ नए जिलों के निर्माण का इरादा जताया. हालांकि उस दौरान उन्होंने नए जिलों के नाम सार्वजनिक नहीं किए थे.
अब नए जिलों को लेकर पुष्कर सिंह धामी ने कार्यक्रम के दौरान बयान देकर सभी का ध्यान इस ओर आकर्षित किया है. उन्होंने बयान में संकेत दिए हैं कि नए जिलों की मांग पर कदम आगे बढ़ाया जाएगा. अब भाजपा सरकार में रुड़की, रामनगर, कोटद्वार, काशीपुर और रानीखेत को जिला बनाए जाने पर चर्चाएं तेज हो गई हैं.