
देवप्रयाग: उत्तराखंड के गांवों में लोग संघर्ष के साथ अपना जीवन यापन करते हैं. लेकिन अगर इसी बीच कोई हादसा या आपदा उनकी रोजी-रोटी को प्रभावित करती है, तो दुखों का पहाड़ उस व्यक्ति पर टूट पड़ता है. ऐसा ही हुआ है देवप्रयाग के कोठी गांव में रहने वाले विपिन कोठीवाल के साथ. जिनकी बीती रात जीवन यापन के लिए एकमात्र साधन दुकान में आग लग गई. जिससे लगभग 40,000 रुपए का नुकसान हो गया. वहीं राजेंद्र कोठियाल के घर को भी भारी क्षति पहुंची है.ग्रामीणों ने नुकसान की भरपाई के लिए सरकार से मदद की गुहार लगाई है.
बता दें कि पिछले कई सालों से विपिन कोठीवाल कोठी गांव में दुकान चला रहे हैं. गांव के सभी लोगों के लिए यह दुकान मिलने जुलने और बैठने का स्थान भी होती थी. वहीं विपिन का मिलनसार व्यक्तित्व के कारण पूरे गांव के लोग अपनी छोटी-छोटी जरूरतों के लिए इस दुकान पर आना पसंद भी करते थे. बताया जा रहा है कि शनिवार रात को विपिन दुकान बंद करके अपने घर चला गया. यह दुकान एक लकड़ी के घर में संचालित की जा रही थी, रोज की तरह विपिन द्वारा की गई दीया बाती के कारण आग लगनी बताई जा रही है.

आग लगने की सूचना मिलते ही हर कोई पानी की बाल्टी और पानी के पाइप के साथ आग बुझाने में जुट गया. लेकिन आग इतनी ज्यादा थी कि कई हाथ भी कम पड़ गए. हालांकि आग लगने के समय दुकान में कोई नहीं सो रहा था, जिस कारण कोई भी जनहानि नहीं हुई है. लेकिन गरीब विपिन की दुकान में रखा करीब 40 हजार रुपए का सामान और नकदी जलकर राख हो गई है. इसके साथ ही मकान को भी भारी नुकसान हुआ है.
पौड़ी तहसील के पटवारी ने किया नुकसान का मुआयना
आज सुबह पौड़ी तहसील के पटवारी राजेंद्र सिंह नेगी ने गांव में आकर दुकान में हुए नुकसान का मुआयना किया और ग्रामीणों को हर संभव मदद का आश्वासन भी दिया.
तहसील के पटवारी राजेंद्र नेगी ने कहा कि ग्रामीणों की सूचना पर उन्होंने कोठी गांव में आकर विपिन की दुकान का मुआयना किया. जिसमें मालूम चला कि 37000 का सामान और तीन हजार की नकदी जलकर राख हो गई है. वहीं आग की चपेट में आने से राजेंद्र कोटियाल के मकान को भी तीन लाख का नुकसान हो गया है. उन्होंने कहा कि वह 24 घंटे में नुकसान की रिपोर्ट बनाकर ग्रामीणों को सौंप देंगे. जिसके बाद ग्रामीण शासन से मदद की गुहार लगा सकते हैं.
मदद के लिए आगे बढ़ रहे हैं ग्रामीणों के हाथ
वही जबसे दुकान में आग लगने की खबर ग्रामीणों को मिली है, उसके बाद से ही शहरों में रह रहे गांव के लोगों ने विपिन की मदद के लिए अपने हाथ आगे बढ़ा रहे हैं. इसी क्रम में शुरुआत करते हुए देहरादून निवासी रामनारायण ध्यानी ने 1100 की मदद का आश्वासन दिया है. वही धीरे-धीरे बाकी ग्रामीण भी विपिन की आर्थिक मदद करने के लिए आगे बढ़ रहे हैं.
