खतरनाक: कुंभ में काल को न्योता दे रहा ऋषिकेश का यह घाट, किसकी लापरवाही?

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ऋषिकेश: त्रिवेणी घाट स्थित नाव घाट लगातार हादसों का घाट बनता जा रहा है. जहां आए दिन एक के बाद एक डूबने के मामले सामने आ रहे हैं. आलम यह है पिछले 4 दिनों में 6 लोग नाव घाट में डूब गए. जिन्हें जल पुलिस के जवानों द्वारा सकुशल बचाया गया.

कुंभ महीने के चलते गंगा स्नान के लिए मुख्य घाट त्रिवेणी घाट पर हर रोज हजारों श्रद्धालु की संख्या दिख रही है. जिसमें देश के अलग-अलग कोने से लोग आस्था की डुबकी लगाने पहुंच रहे हैं.

लेकिन आस्था का यह महाकुंभ तब खतरनाक हो जाता है, जब श्रद्धालुओं को छोटी सी लापरवाही के कारण अपनी जान गंवानी पड़ती है. कुछ ऐसा ही हो रहा है त्रिवेणी घाट स्थित नाव घाट में.

2 दिन पहले जल पुलिस ने युवक को किया था रेस्क्यू

बता दें कि ऋषिकेश में कुंभ स्नान के लिए चार घाट चयनित किए गए हैं. जिनमें साईं घाट, 72 सीढ़ी घाट, त्रिवेणी घाट और नाव घाट शामिल हैं. लेकिन पिछले चार दिनों का आंकड़ा देखें तो नाव घाट में 6 लोगों को जल पुलिस द्वारा डूबने से बचाया गया. जिनमें दो महिलाएं और चार पुरुष शामिल हैं.

आज नाव घाट से बेहोशी की हालत में बाहर निकाला गया युवक

बताया जा रहा है कि सिंचाई विभाग की लापरवाही की वजह से यह घटनाएं हो रही हैं.

दरअसल गंगा को डाइवर्ट करने के लिए जेसीबी द्वारा नदी से बालू हटाया जा रहा है. लेकिन ऐसा करते हुए जेसीबी ने नाव घाट में करीब 6 से 7 फुट के 4 गड्ढे खोद डाले हैं. जिसका खामियाजा नाव घाट में नहाने के लिए उतर रहे श्रद्धालुओं को अपनी जान को दांव पर लगाकर भुगतना पड़ रहा है.

इस खतरे को देखते हुए स्थानीय पुलिस प्रशासन द्वारा नाव घाट के पास चार जल पुलिस के जवान तैनात कर दिए गए हैं. जो किसी भी स्थिति से निपटने के लिए हर पल तैयार हैं. इन्हीं जवानों कि साहस के बदौलत पिछले 4 दिनों में 6 जिंदगियां बचाई गई.

त्रिवेणी घाट चौकी इंचार्ज उत्तम रमोला ने कहा कि नाव घाट पर जेसीबी द्वारा किए गए गड्ढों को लेकर नगर निगम को मौखिक रूप से कह दिया गया है. उम्मीद है कि जल्दी सिंचाई विभाग से वार्ता कर गड्ढों को भर दिया जाएगा.

उन्होंने कहा कि किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए चारों घाटों में जल पुलिस के जवान दिन रात तैनात हैं.

अब यहां पर सबसे बड़ा सवाल यह है कि इतने हादसे हो जाने के बावजूद भी गड्ढों को भरा नहीं जा रहा है. जिसमें स्थानीय प्रशासन को जल्द से जल्द संज्ञान लेना चाहिए. ऐसा ना होने पर भविष्य में होने वाली ऐसी घटनाओं की जवाबदेही भी तय होनी चाहिए.

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