ऋषिकेश: 21 साल के उत्तराखंड को पुष्कर सिंह धामी के रूप में अपना 11वां मुख्यमंत्री मिल गया है। बीजेपी की प्रचंड बहुमत वाली सरकार में पुष्कर सिंह धामी तीसरे मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे। जिसको लेकर विपक्ष बीजेपी पर प्रदेश की जनता को बेवकूफ बनाने का आरोप मढ़ रहा है। वहीं बीजेपी के नेता पार्टी के इस फैसले को युवाओं के हित में बता रहे हैं।
कांग्रेस के बागियों पर भरोसा नहीं
भाजपा का शीर्ष नेतृत्व उत्तराखंड में भाजपा सरकार से बहुत परेशान है। 57 विधायकों में से भाजपा को एक भी स्थाई विधायक नहीं मिल रहा है, यह शर्म की बात है। मुख्यंत्रियों को बदलने से विकास के सारे काम ठप्प हो गये हैं। जांच ही जांच में प्रदेश का विकास रूक गया है। अधिकारी भी सहज होकर काम नहीं कर पा रहे हैं। बीजेपी के इन कारनामों से आम जनता समझ चुकी है कि बीजेपी सरकार चलाने में असफल है। जिससे कांग्रेस की राह आसान हो गई है। सबसे बड़ी बात दिखी कि भाजपा अबतक कांग्रेस के बागियों पर भरोसा नहीं कर पा रही है। नये मुख्यमंत्री बन रहे पुष्कर सिंह धामी को पिछले मुख्यमंत्री के गलत फैसलों को ठीक करना चाहिए।
उत्तराखंड को बना दिया मुख्यमंत्री की फैक्ट्री
बीजेपी उत्तराखंड के लोगों को बेवकूफ बना रही है। बीजेपी ने प्रदेश को मुख्यमंत्रियों की फैक्टरी बना दिया है। 2022 में जनता इनसे पूरा हिसाब-किताब करेगी। बीजेपी के 10 साल शासनकाल में 8 बार मुख्यमंत्री बना दिये गये हैं। बीजेपी का आला कमान उत्तराखंड के लोगों को गुलाम समझ रहा है। पूर्व मुख्यमंत्रियों पर हर साल चार करोड़ रुपये का खर्चा आता है, यह गरीब उत्तराखंड के साथ मजाक है। भाजपा औऱ कांग्रेस की सत्ता लोलुपता को प्रदेश की जनता देख चुकी है। यूकेडी की सरकार आने के बाद ही उत्तराखंड का विकास हो सकता है। नये मुख्यमंत्री से उम्मीद है कि वह प्रदेश में उठ रही मांग भू-अध्यादेश को उत्तराखंड में लागू करें।
कर्नल कोठियाल बने तीरथ सिंह रावत के इस्तीफे की वजह
मुख्यमंत्रियों की नाकामियों की वजह से ही इन्हें बदला जा रहा है। जिससे उत्तराखंड की जनता के ऊपर आर्थिक भी बोझ बढ़ रहा है। कर्नल कोठियाल के गंगोत्री से चुनाव लड़ने के एलान के बाद बीजेपी गंगोत्री उपचुनाव से पीछे हट गई और मुख्यमंत्री को हटाना पड़ा। बीजेपी के आला कमान ने एक बार फिर से उत्तराखंड को आठ महीने के लिए कठपुलती वाला मुख्यमंत्री थोप दिया है। यही कारण है कि जनता का बीजेपी और कांग्रेस से मोहभंग हो गया है। अगर प्रदेश में आम आदमी की सरकार बनती है तो वह पूरी तरह उत्तराखंड से ही चलेगी।
बीजेपी ने किया युवाओं का सम्मान
मैं बीजेपी संगठन का धन्यवाद करता हूं कि उन्होंने एक युवा चेहरे को मौका दिया है। उत्तराखंड के युवाओं को खुश होना चाहिए कि उत्तराखंड को एक युवा मुख्यमंत्री मिला है। इनके आने से उत्तराखंड के बेरोजगार युवाओं को फायदा मिलेगा। जहां तक मुख्यमंत्री बदलने की बाद है तो बीजेपी संविधान का सम्मान करती है और इसी संवैधानिक बाध्यता की वजह से ही यह निर्णय लिया गया है। बीजेपी में हर विधायक मुख्यमंत्री की काबीलियत रखता है। यही कारण है कि प्रदेश बीजेपी में मुख्यमंत्री चेहरे का कोई संकट नहीं है।