उत्तराखंड चारधाम यात्रा का हुआ समापन, आदिगुरु शंकराचार्य जी की पवित्र गद्दी पहुँची नृसिंह मंदिर

Advertisement

जोशीमठ ( चमोली)/ ऋषिकेश/ देहरादून: शुक्रवार को आदि गुरु शंकराचार्य जी की पवित्र गद्दी के नृसिंह मंदिर जोशीमठ पहुंचते ही औपचारिक रूप से इस वर्ष की बदरीनाथ धाम यात्रा का समापन हो गया है।

बदरीनाथ धाम यात्रा सहित चारधाम यात्रा के सफल समापन पर प्रदेश के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल अवकाश प्राप्त गुरुमीत सिंह, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी,पूर्व‌मुख्य मंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, उच्च स्तरीय समिति अध्यक्ष पूर्व राज्य सभा सांसद मनोहर कांत ध्यानी, विधान सभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, चारधाम विकास परिषद पूर्व उपाध्यक्ष आचार्य शिवप्रसाद ममगाई सहित मुख्य सचिव डा. एस. एस. संधू, सचिव धर्मस्व दिलीप जावलकर, आयुक्त गढ़वाल रविनाथ रमन,सचिव धर्मस्व हरिचंद्र सेमवाल, सचिव आपदा एस. ए. मुरूगेशन व जिलाधिकारी चमोली हिमांशु खुराना ने प्रदेश- देश के श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दी है। कहा कि शीतकालीन गद्दी स्थलों में शीतकालीन यात्रा को प्रोत्साहित किया जायेगा।

देवस्थानम बोर्ड सदस्य /विधायक महेंद्र भट्ठ, देवस्थानम बोर्ड सदस्य क्रमश:आशुतोष डिमरी, श्रीनिवास पोस्ती एवं गोविंद सिंह पंवार ने यात्रा समापन पर सभी का आभार जताया।

अब छ: माह नृसिंह मंदिर जोशीमठ एवं योग बदरी पांडुकेश्वर में शीतकालीन पूजाएं संपन्न होंगी।आज आदि गुरू शंकराचार्य जी की गद्दी प्रात:कालीन पूजा-अर्चना, प्रसाद अर्पण के बाद योगध्यान बदरी पांडुकेश्वर से रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी एवं धर्माचार्यों, श्रद्धालुओं सहित आज प्रात: 10 बजे श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ प्रस्थान किया
आदिगुरु शंकराचार्य जी की गद्दी के स्थान-स्थान पर स्वागत हुआ, श्रद्धालुओं ने फूलवर्षा की ग्रैफ केंप में कर्नल मनीष कपिल की अगुवाई में आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी तथा रावल जी का स्वागत किया इस अवसर पर धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल ने अधिकारियों-जवानों को संबोधित किया तथा सड़क निर्माण हेतु उनकी प्रशंसा की। इसके पश्चात आदि गुरु की पवित्र गद्दी नृसिंह मंदिर जोशीमठ पहुंची जहां श्रद्धालुओं ने गद्दी की आगवानी की तथा फूलवर्षा कर स्वागत किया। इसके पश्चात नृसिंह मंदिर परिसर में गणेश पूजा तथा देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना आव्हान हुआ। इसके पश्चात प्रसाद वितरण हुआ।

जारी प्रेस विज्ञप्ति में आयुक्त गढ़वाल एवं उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविनाथ रमन ने बदरीनाथ धाम यात्रा के समापन पर बधाई दी ओर तीर्थयात्रियों का आभार जताया कहा इस वर्ष उत्तराखंड चारधाम यात्रा कोरोना की विकट समय के साथ शुरू हुई लेकिन इस सब के बावजूद पांच लाख से अधिक तीर्थयात्री चारधाम पहुंचे सीमित समय में यह एक उपलब्धि है।

इस अवसर पर उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बी. डी. सिंह ने नृसिंह मंदिर जोशीमठ में पत्रकारों से वार्ता करते हुए बताया कि योग बदरी पांडुकेश्वर एवं नृसिंह मंदिर जोशीमठ में आज से शीतकालीन पूजाएं शुरू हो गयी हैं। श्री उद्धव जी, श्री कुबेर जी की पांडुकेश्वर में शीतकालीन पूजा शुरू हुई।

उल्लेखनीय है कि 20 नवंबर को बदरीनाथ धाम के कपाट बंद हो गये थे।21 नवंबर को रावल जी सहित उद्धव जी, कुबेर जी की डोली तथा आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी पांडुकेश्वर पहुंची।

श्री उद्धव जी एवं श्री कुबेर जी श्री योग बदरी पांडुकेश्वर में विराजमान हुए। कल पांडुकेश्वर प्रवास के बाद आज रावल जी एवं आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ पहुंची आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ में विराजमान हो गयी। इसके साथ ही इस वर्ष की श्री बदरीनाथ यात्रा का समापन हो गया है।

आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी के गद्दीस्थल नृसिंह मंदिर में स्थापित होने के कुछ देर बाद रावल जी अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी, धर्माधिकारी के साथ अधिकारी-कर्मचारीगण गढवाल स्काट केंप जोशीमठ में सेना के अधिकारियों- जवानों से भेंट करने पहुंचे तथा भगवान बदरीविशाल की ओर से आशीर्वाद दिया। इस अवसर पर रावल जी एवं अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी, धर्माधिकारी सहित सभी आगंतुक अतिथियों का स्वागत किया गया।

आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी के नृसिंह मंदिर जोशीमठ पहुंचने के अवसर पर रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी, पूर्व सचिव पर्यटन एवं धर्मस्व एन. एस. नेगी, देवस्थानम बोर्ड के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बी.डी. सिंह, उप मुख्य कार्याधिकारी सुनील तिवारी, धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल एवं धर्माचार्य, शंकराचार्य स्वरूपानंद मठ जोशीमठ से दंडी स्वामी मुकुंदानंद महाराज एवं संतगण, प्रभारी मंदिर अधिकारी राजेंद्र चौहान, नृसिंह मंदिर के पुजारी संजय डिमरी, नृसिंह मंदिर प्रभारी संदीप कपरवाण, अजय सती, डा. हरीश गौड़, कृपाल सनवाल आदि मौजूद रहे।

जिलाधिकारी उत्तरकाशी मयूर दीक्षित तथा जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग मनुज गोयल ने बताया कि जिलों में शीतकालीन यात्रा को प्रोत्साहित किया जा रहा है।

देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने जारी प्रेस विज्ञप्ति बताया कि केदारनाथ धाम की शीतकालीन पूजा पंच केदार गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ तथा तीर्थ पुरोहितों से मिली जानकारी के मुताबिक यमुनोत्री धाम की शीतकालीन पूजा खरसाली(खुशीमठ),श्री गंगोत्री धाम की शीतकालीन पूजा मुखबा ( मुखीमठ )में पहले ही शुरू हो गयी है।

बताया कि 5 नवंबर को गंगोत्री धाम के कपाट बंद हुए तथा 6 नवंबर को श्री केदारनाथ धाम एवं यमुनोत्री धाम के कपाट बंद हुए।

सोशल ग्रुप्स में समाचार प्राप्त करने के लिए निम्न समूहों को ज्वाइन करे.
Previous articleउत्तराखंड क्रांन्तिकारी शिक्षामित्रों ने तालाबंदी के साथ किया प्रदर्शन
Next articleसीएम धामी ने किया एक दिवसीय राज्य स्तरीय अभिमुखीकरण कार्यशाला का शुभारम्भ