देवप्रयाग: जिला प्रशासन ने पौड़ी और टिहरी जिले को आपस में जोड़ने वाले देवप्रयाग के पैदल झूला पुल को खतरे का अंदेशा जताते हुए बंद कर दिया है. राज्य सरकार किसी भी बड़ी दुर्घटना को रोकने के लिए सतर्क को गई है. वहीं स्थानीय लोगों ने इस फैसले पर नाराजगी जताई है.
दरअसल यह पुल बहुत पुराना हो गया है. जर्जर हो चुके पुल के कारण किसी भी प्रकार की बड़ी घटना हो सकती है. इसे देखते हुए प्रशासन ने इस पुल पर सभी लोगों की आवाजाही पर रोक लगाते हुए इसे बंद कर दिया है. वहीं इस पुल के बंद होने से स्थानीय लोगों में खासी नाराजगी देखी जा रही है.
पुल बंद होने पर स्थानीय लोगों की समस्याएं
इस पर स्थानीय जनता का कहना है कि पुल के बंद होने से अब यहां के लोगों की तीन किलोमीटर का सफर तय करना पड़ रहा है. जबकि, पुल पर जब तक आवाजाही हो रही थी तब तक ये दूरी महज 200 मीटर की थी. स्थानीय जनता का कहना है कि स्वास्थ्य सुविधाओं से लेकर जनता और स्कूली छात्रों की दूरी बढ़ गई है. छात्रों से भी अब 20 रुपये किराया स्कूल पहुंचाने तक वाहन चालक ले रहे हैं. इससे पहले पैदल ही छात्र कुछ कदमो की दूरी तय कर स्कूल पहुंचते थे.
उनके अलावा यहां बा-बाजार के व्यापारी भी नाखुश हैं. इस पुल के बंद होने से उनके व्यापार पर भी असर पड़ा है. वहीं देवप्रयाग की स्थानीय जनता ने जिलाधिकारी से पुल पर आवाजाही को दोबारा से शुरू करवाने की मांग की है.
इस मांग को लेकर जिलाधिकारी आशीष चौहान ने कहा कि पुल पर खतरा बरकरार है. वहीं स्थानीय जनता की मांग पुल को खोलने की है. ऐसे में पुल की समस्या का समाधान वे जल्द निकालेंगे.