देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा के बर्खास्त 228 कर्मचारियों के समर्थन में आए भाजपा सांसद और पूर्व कानून मंत्री डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी के आने से सरकार के फैसले पर अब सवाल उठाए जा रहे हैं. इसे लेकर अब विधानसभा अध्यक्ष की रितु खंडूरी की भी प्रतिक्रिया सामने आई है. जिसमें उन्होंने सुब्रमण्यम स्वामी को चुनौती देते हुए अपने फैसले को सही करार दिया है.
सुब्रमण्यम स्वामी के बयान पर विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी ने कहा है कि सुब्रमण्यम स्वामी बहुत बड़े वकील हैं और वो यह केस लड़ना चाहते हैं. मेरी ओर से उन्हें बहुत बधाई. लेकिन, सुप्रीम कोर्ट ने मामले में फैसला दे दिया है.
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि मैं युवाओं के साथ अन्याय बर्दाश्त नहीं करूंगी. यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है. इसलिए मेरा बोलना उचित नहीं है. ऐसे मामलों में राजनीति नहीं होनी चाहिए. मैंने जो फैसला किया था वो बिल्कुल सही था. इसलिए मुझे अपने फैसले पर किसी भी प्रकार का पछतावा नहीं है.
जानें क्या था पूरा मामला
आपको बता दें कि कुछ वक्त पहले सुब्रमण्यम स्वामी ने बर्खास्त कर्मचारियों को लेकर सीएम धामी को पत्र लिखा था. इस पत्र में उन्होंने कहा था कि एक ही संस्थान में एक ही प्रक्रिया से नियुक्ति पाने वाले कार्मिकों की वैधता में दो अलग-अलग निर्णय कैसे हो सकते हैं. कुछ लोगों की नियुक्ति को अवैध बताने के बाद भी बचाया गया. वहीं कुछ को अवैध करार कर बर्खास्त भी कर दिया गया. यह कार्रवाई उचित नहीं लगती है.
इसके साथ ही सुब्रमण्यम स्वामी ने दावा किया था कि जो भी केस उन्होंने लड़े हैं सभी में उन्हें जीत मिली है. इस मामले में भी बर्खास्त कर्मचारियों की जीत होगी.