रुड़की: सिविल हॉस्पिटल रुड़की में एक ऐसा शवगृह तैयार किया जा रहा है जो प्रदेश के किसी भी अस्पताल में नहीं देखने मिलेगा. अस्पताल के सीएमएस संजय कंसल ने यह दावा किया है कि यहां 14 शवों को रखने वाला शवगृह बनाया जा रहा है.
दरअसल रूड़की सिविल अस्पताल में मौजूद इस शवग्रह में छह शव रखने की व्यवस्था है. जल्द ही इस शवगृह में 14 शव रखे जाने की व्यवस्था की जा रही है. इसी के साथ इस शवगृह में फ्रीजर भी नहीं होगा, इस शवगृह की खासबात ये होगी कि पूरा कमरा कोल्ड स्टोरेज में तब्दील होगा. अस्पताल प्रबंधक का कहना है कि उनके अस्पताल का ये शवगृह प्रदेश का पहला ऐसा शवगृह है जो पूरा कोल्ड स्टोरेज बनाया जा रहा है.
इस शवगृह पर निर्भर हैं सैकड़ों गांव के लोग
आपकों बता दें कि रुड़की के सिविल अस्पताल पर शहर ही नहीं बल्कि रुड़की तहसील में पांच ब्लॉकों में आने वाले सैंकड़ों गांव के लोग निर्भर हैं. इसके चलते सिविल अस्पताल में प्रति दिन दो से तीन शव यहां पर आते हैं. वहीं कई बार तो शव की शिनाख्त भी नहीं हो पाती है. जिसपर परिजनों के न पहुंचने के चलते शव को 72 घंटे तक शवगृह में रखना पड़ता है. इसी के चलते कुछ समय पहले तक तो अस्पताल प्रबंधक को फ्रीजर की कमी से काफी परेशानी उठानी पड़ती थी. साथ ही तीमारदारों को भी अपने परिजन के शव को रखने के लिए काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था. वहीं इसी परेशानी के चलते तीमारदारों को अपने परिजन का शव रखने के लिए खुद ही निजी संसाधनों से व्यवस्था करनी पड़ती थी.
बार-बार खराब हो रहे थे फ्रीजर
कई बार तो फ्रीजर खराब होने पर स्थिती और भी ज्यादा खराब हो जाती थी. इसी समस्या से निजात पाने के लिए अस्पताल के सीएमएस संजय कंसल के प्रयासों से कुछ समय पहले अस्पताल में फ्रीजर को हटाकर कोल्ड स्टोरेज बनाया गया है. हालांकि अभी इस शवग्रह का कमरा छोटा है. वहीं इस कमरे को 24 फिट और 14 फिट बनाने की तैयारी की जा रही है. जिसका कार्य जल्द ही पूरा हो जाएगा.
साथ में रखे जाप्रदेश का पहला कोल्ड स्टोरेज शवगृह रहे थे शव
रूड़की सिविल अस्पताल के सीएमएस संजय कंसल के मुताबिक पहले इस शवगृह में दो डीप फ्रीज़र मौजूद थे. जिसमें एक फ्रीजर मे एक साथ चार शव और दूसरे फ्रीजर में दो शव रखे जा सकते थे. यह फ्रीज़र अक्सर पानी भर जाने के कारण खराब हो जाते थे. जिससे काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था.
प्रदेश का पहला कोल्ड स्टोरेज शवगृह
उन्होंने बताया कि डीप फ्रीज़र को ठीक कराने के लिए मैकेनिक गाज़ियाबाद या दिल्ली से बुलाने पड़ते थे. इसी समस्या को देखते हुए उनके अथक प्रयासों के बाद पूरे कमरे को ही कोल्ड स्टोरेज में तब्दील करा दिया गया है. वहीं अब इसकी क्षमता बढ़ाने की तैयारी भी शुरू कर दी गई है. जो कुछ ही महीनों में पूरी हो जाएगी. इसके बाद इस शवगृह में करीब 14 शव रखे जा सकेंगे. सीएमएस संजय कंसल का कहना है कि यह प्रदेश का पहला कोल्ड स्टोरेज शवगृह है. उन्होंने बताया कि रूड़की शवगृह में आसपास के कई क्षेत्रों के शव यही पर रक्खे जाते है और कई बार इन्हें रखने की क्षमता 24 घंटो से 72 घंटो तक रहती थी. अब जल्द ही इन सब समस्याओं से निज़ात मिल सकेगा.