नई दिल्ली: लद्दाख की गलवान घाटी में चीन और भारत के सैनिकों के बीच हुए खूनी संघर्ष में दुश्मनों से लोहा लेते समय जवान सुरेंद्र सिंह घायल हो गए थे. उनका इलाज लद्दाख के सैनिक हॉस्पिटल में चल रहा थे. जिसके बाद अब उन्हें करीब 15 घंटे बाद होश आया है. होश आने के बाद घायल जवान ने आखों देखा हाल बयां कर चीन के पूरे षडयंत्र का खुलासा किया है.
सुरेन्द्र सिंह ने बताया कि सोमवार देर रात गलवान घाटी में खून जमाने वाली सर्दी थी. दुश्मन हमला करेगा हमें अंदाजा नहीं था, चीन की कायराना हरकत अंधेरे में हुई. जवाबी कार्यवाही में हम 5 फीट गहरी बर्फीली नदी में थे, घाटी में तब हम 300 जवान थे. घात लगाकर आए दुश्मन के तब 1000 से अधिक जवान थे. लगातार 5 घंटे हमारा संघर्ष जारी रहा. आखिर हमारे जवानों ने उन्हें खदेड़ दिया, मेरे साथ अन्य साथी भी घायल हुए.
उन्होंने आगे कहा कि दुश्मनों ने हम पर लोहे के कांटे लगे डंडों से ताबड़तोड़ हमला किया. जिसमें उनका हाथ फ्रैक्चर हो गया. उन्होंने कहा कि उनके पास कृपाण थी, जिससे उन्होंने खुद को बचाया और चीन के 2 सैनिकों को घायल कर दिया. इसके बाद अचानक चीनी सैनिकों ने उनके सिर पर वार किया लेकिन पगडी के कारण वे बच गये. इसके बाद क्या हुआ उन्हें याद नहीं. उन्होंने बताया कि उन्हें सैनिक अस्पताल में होश आया. फिलहाल उन्हें 12 टांके आए हैं लेकिन चिंता की बात नहीं है.
सैनिक की पत्नी गुरप्रीत कौर ने बताया कि उसके पति की गुरु साहब की कृपाण ने जान बचाई और उसी कृपाण की मदद से सुरेंद्र सिंह ने चीनी सैनिकों का मुकाबला किया.
बता दें कि 15-16 जून को लद्दाख के गलवान घाटी में एलएसी पर हुई इस झड़प में भारतीय सेना के एक कर्नल समेत 20 सैनिकों की मौत हुई थी. भारत का दावा है कि चीनी सैनिकों का भी नुक़सान हुआ है लेकिन इसके बारे में चीन की तरफ़ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.