ऋषिकेश: कोरोना महामारी के कारण इस साल पीजी कॉलेज ऋषिकेश में छात्र संघ चुनाव होने की संभावना नहीं दिख रही है. जिससे उन छात्र-छात्राओं के अरमानों पर पानी फिर सकता है, जो इस साल छात्रसंघ चुनाव लड़ने के सपने देख रहे हैं.
पिछले साल 10 अगस्त 2019 को 6 पदों पर कॉलेज का छात्रसंघ चुनाव संपन्न हुआ था. जिसमें अध्यक्ष पद पर अनुराग पयाल, उपाध्यक्ष पद पर सौरभ राणा, महासचिव पद पर दीपक भारद्वाज, सह सचिव पद पर नीरज पांडे, कोषाध्यक्ष पद पर खुशबू शर्मा और विश्वविद्यालय प्रतिनिधि पद पर संजीव कुमार चुने गए थे. लेकिन अब कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए कॉलेज का चुनाव इस साल अगले साल के लिए टल सकता है. अगर ऐसा हुआ तो उम्मीद है कि इन सभी पदाधिकारियों को एक साल और पद में बने रहने का मौका मिल जाएगा.
पीजी कॉलेज ऋषिकेश की आचार्य सुधा भारद्वाज ने बताया कि पिछले 2 सालों से राज्य सरकार की कॉलेज में चुनाव की तारीख तय करती आ रही है. अब चुनाव होना या ना होना प्रदेश सरकार के फैसले पर निर्भर करता है. हालांकि इस असामान्य परिस्थितियों में छात्र संघ चुनाव कराना बेहद मुश्किल है.
क्या है कॉलेज पदाधिकारियों और आम छात्रों की राय ?
ऋषिकेश पीजी कॉलेज के छात्र संघ अध्यक्ष अनुराग पयाल का मानना है कि कोरोना को देखते हुए इस वर्ष छात्र संघ चुनाव नहीं होना चाहिए. छात्र संघ चुनाव करवाने से सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ जाएगी. सब एक दूसरे से हाथ मिलाएंगे और हर समय सैनिटाइजर का प्रयोग करना संभव नहीं होगा. उन्होंने कहा कि अगर ऐसा हुआ तो कोरोना महामारी पूरे कॉलेज में भयानक रूप ले लेगी. इसलिए बच्चों की सुरक्षा के लिए छात्र संघ चुनाव को रद्द कर दिया जाना चाहिए.
वहीं कॉलेज के ही बीकॉम सेकेंड ईयर के छात्र निशांत बागड़ी कहते हैं कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए सोशल डिस्टेंसिंग के साथ चुनाव करवाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि कॉलेज के दूसरे छात्र-छात्राओं को भी चुनाव में खड़े होने का मौका मिलना चाहिए.
कॉलेज की कोषाध्यक्ष खुशबू शर्मा कहती हैं कि लॉकडाउन के कारण कॉलेज 6 महीने बंद रहा. जिस कारण हम पदाधिकारियों को काम करने के लिए मात्र 6 महीने ही मिले. इसलिए इस साल चुनाव नहीं होने चाहिए और हम पदाधिकारियों को ही अगले साल के चुनाव तक पदों में बने रहने का अवसर मिलना चाहिए.
अब देखना होगा कि छात्रसंघ चुनाव को लेकर राज्य सरकार क्या फैसला लेगी। लेकिन एक बात तो तय है कि अगर कॉलेज में चुनाव करवाये जाते है तो कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ जाएगा। लेकिन फिर सवाल उठता है कि जब बिहार जैसे राज्य में विधानसभा चुनाव करवाने की तैयारी चल सकती है तो फिर यहां क्यों नहीं ?