उत्तरकाशी: मंजिलें उन्ही को मिलती है जिनके सपनों में जान होती है, पंखो से कुछ नहीं होता हौसलों से उडान होती है, यह कहावत उत्तरकाशी के एक छोटे से गांव की बेटी ने सिद्ध करके दिखा दी है. उत्तरकाशी के छोटे से गांव लौंथरू निवासी 25 साल की सविता कंसवाल में दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर चढ़कर अपने परिवार का ही नहीं बल्कि भारत का भी गौरव बढ़ाया है.
सविता कंसवाल ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी एवरेस्ट (8848.86 मीटर) का सफल आरोहण 12 मई की सुबह 9 बजे के करीब किया. सविता कंसवाल सीमांत जिले उत्तरकाशी के भटवाड़ी ब्लॉक के सुदूर लौंथरु गांव की रहने वाली हैं. सविता एक गरीब किसान परिवार से हैं. सविता की उम्र अभी केवल 25 वर्ष है. चार बहनों में सविता अपने माता पिता राधेश्याम कंसवाल और मां कमलेश्वरी देवी की सबसे छोटी बेटी हैं.
सविता के माता पिता ने खेती बाड़ी से ही अपने परिवार का पालन पोषण किया है. सविता की पढ़ाई सरकारी स्कूल से हुई है. सविता को बचपन से ही एडवेंचर का शौक था. सविता ने 2013 में नेहरू पर्वतारोहण संस्थान उत्तरकाशी से माउंटेनियरिंग का बेसिक कोर्स किया था. जिसके कुछ समय बाद सविता ने एडवांस, सर्च एंड रेस्क्यू के साथ पर्वतारोहण प्रशिक्षक का कोर्स भी NIM से किया.
बता दें कि सविता ने इससे पहले भी कई चोटियां पर सफल आरोहण किया है.
माउंट एवरेस्ट (8848.86 मीटर) नेपाल
ल्होत्से (8516 मीटर) : नेपाल
त्रिशूल (7120 मीटर) : उत्तराखंड
हनुमान टिब्बा (5930 मीटर) : हिमाचल प्रदेश
कोलाहाई (5400 मीटर) : जम्मू-कश्मीर
द्रौपदी का डांडा (डीकेडी) (5680 मीटर) : उत्तराखंड
तुलियान (5500 मीटर) : जम्मू-कश्मीर
लाबूचे (6119 मीटर) : नेपाल
चंद्रभागा (6078 मीटर) : हिमाचल प्रदेश