रुड़की: भारत सरकार की योजना के अंतर्गत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में युवा संगम कार्यक्रम की शुरुआत की गई है. इसके अंतर्गत शिक्षा मंत्रालय ने आईआईटी रुड़की व एनआईटी वारंगल को उत्तराखंड और तेलंगाना राज्यों के बीच युवा आदान-प्रदान आयोजित करने के लिए चुना है. युवा संगम द्वितीय के अंतर्गत पहले तेलंगाना से छात्रों का दल 29 अप्रैल को रुड़की पहुंचा था. यह कार्यक्रम 4 मई तक चला था. इसमें प्रतिभागियों ने भगवानपुर में अंबुजा सीमेंट और एवरेस्ट उद्योगों का दौरा किया था. वहीं तेलंगाना दल ने आईआईटी रुड़की की विभिन्न केंद्रीय सुविधाओं सहित ऋषिकेश का भी दौरा किया था.
आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रोफेसर के.के पंत ने जानकारी देते हुए बताया कि भारत सरकार की योजना युवा संगम के अंतर्गत एक राज्य से अलग-अलग यूनिवर्सिटी के छात्र दूसरे राज्य में जाते हैं और वहां अपने अनुभव साझा करते हैं. उन्होंने बताया कि यह एक तरह से साइंटिफिक, सोसाइटल और एजुकेशन का संगम है.
उन्होंने बताया कि अब तेलंगना दल के उत्तराखंड दौरे के बाद सोमवार को उत्तराखंड से 45 छात्र-छात्राओं का दल तेलंगना दौरे के लिए जाएगा. इसके अंतर्गत उत्तराखंड की 12 विभिन्न यूनिवर्सिटी से 45 छात्र-छात्राओं को सेलेक्ट किया गया है जो सभी अलग-अलग कॉलेज से हैं.
तेलंगाना दौरे का उद्देश्य
इस दौरे का मुख्य उद्देश्य यह भी है कि उत्तराखंड के विभिन्न कॉलेजों के बीच में भी आपस में सामंजस्य बन रहा है. इसकी लीड आईआईटी रुड़की कर रहा है. यह बहुत ही हर्ष का विषय है. उन्होंने बताया कि यह सभी छात्र-छात्राएं अगले एक हफ्ते के लिए एनआईटी वारंगल में जाएंगे और पूरे तेलंगाना के अलग-अलग क्षेत्रों में दौरा करेंगे. उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य यह है कि युवा पीढ़ी को भविष्य में देश को किस तरह से आगे ले जाना है इस ओर अग्रसर होगी. जो हम एक भारत श्रेष्ठ भारत की कल्पना कर रहे हैं वह सार्थक हो सके.
उन्होंने आगे कहा कि इस दौरे का मुख्य उद्देश्य रहेगा कि हम एक दूसरे की संस्कृति को जानें, साथ ही साथ युवा पीढ़ी हमारे देश का भविष्य है, तो इससे मिलजुल कर कार्य करने की भावना बढ़ेगी और नए-नए अनुभव साझा होंगे, उन्होंने कहा कि इस युवा संगम का मुख्य उद्देश्य यही है कि पूरे भारत को एक साथ जोड़ा जाए और जो भी समस्या सामने आए उसका समाधान निकाला जाए.