आखिर मौन व्रत पर क्यों बैठे पूर्व सीएम हरीश रावत, भाजपा सरकार पर लगाए बड़ा आरोप

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गैरसैंण: उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आज ग्रीष्मकालीन राजधानी भराड़ीसैंण पहुंचकर एक घंटे का मौन व्रत धारण किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार लगातार गैरसैंण की उपेक्षा कर रही है, जिससे उत्तराखंड के लोग आहत है.

हरीश रावत ने आगे कहा कि मौन व्रत के माध्यम से हम सरकार का ध्यान भराड़ीसैंण की ओर आकर्षित करना चाहते है, जिससे सरकार की नींद खुल सके और वो गैरसैंण की सुध ले. इस दौरान उनके साथ पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल और पूर्व राज्य सभा सांसद प्रदीप टम्टा सहित कई कांग्रेसी कार्यकर्ता भी मौजूद रहे.

उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी भराड़ीसैंण में मौन व्रत करने जा रहे पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और उनके काफिले को पुलिस प्रशासन ने विधानसभा के मुख्य गेट पर ही रोक दिया और उन्हें आगे नहीं जाने दिया गया. इस कारण पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने विधानसभा भवन के मुख्य गेट पर ही एक घंटे का मौन व्रत रखा.

हरीश रावत ने कहा कि हमें विधानसभा के परिसर तक नहीं जाने दिया जा रहा है यह लोकतंत्र की हत्या है. उन्होंने कहा कि इस संबंध में वो मुख्यमंत्री व विधानसभा अध्यक्ष से भी बात करेंगे और देहरादून में विधानसभा के बाहर धरना देंगे. उन्होंने आगे कहा कि भराड़ीसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किए जाने के बावजूद सरकार यहा नहीं बैठ पा रही है और सत्ताधारी भराड़ीसैण में ठंड का बहाना बना रहे हैं. जो गैरसैंण के साथ-साथ पूरे पहाड़ के साथ छलावा है.

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