नगर निगम परिसर में सूख रहे जनता जनार्दन के कंठ, सरकारी लाभ से पहले पानी की दरकार

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ऋषिकेश: किसी भी शहर में नगर निगम शहरवासियों को कई तरह की सुविधाएं मुहैया करवाता है. लेकिन नगर निगम में आने वाले फरियादियों को पीने के पानी जैसी मूलभूत जरूरत के लिए भी तरसना पड़े, तो नगर निगम मुखिया और अधिकारियों को इस बाबत सोचना चाहिए.

ऋषिकेश नगर निगम शहर में स्वच्छता और विकास कार्यों के लेकर अपनी पहचान बना रहा है. लेकिन नगर निगम परिसर में अपनी फरियादों और समस्याओं के समाधान के लिए पहुंच रहे लोगों को पीने का पानी तक मुहैया नहीं हो पा रहा है. पिछले 6 महीनों से परिसर में लगा एकमात्र पानी का कूलर बंद पड़ा हुआ है. जिसमें अब पानी नहीं बल्कि धूल जमा रहती है.

नगर निगम में अधिकारियों के कमरों में तो पानी की पर्याप्त व्यवस्था है, जिससे नगर निगम के बाकी कर्मचारियों की प्यास भी बुझ जाती है. लेकिन कई बार जब नगर निगम में आए लोगों को लंबे समय तक अपने काम के लिए यहां इंतजार करना पड़ता है, ऐसे में पानी की व्यवस्था करना निगम का दायित्व है.

इस बाबत निगम के सहायक नगर आयुक्त एलम दास कहते हैं कि कोरोना महामारी की वजह से संक्रमण से बचने के लिए पानी के कूलर को बंद किया गया था. लेकिन अब जल्द ही पानी के कूलर को आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा.

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