CM धामी ने किया भरोसा, वीरेंद्र दत्त सेमवाल को सौंपी हतकरघा एवं हस्तशिल्प विकास परिषद की कमान

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देहरादून: उत्तराखंड में बीजेपी नेताओं को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का तोहफा मिला हे। देहरादून-नैनीताल, टिहरी, उत्तरकाशी, नैनीताल समेत कई जिलों में आयोग की अहम जिम्मेदारी सौंपी गई है। धामी सरकार ने भाजपा के 20 नेताओं को दायित्व सौंप दिए।

मुख्यमंत्री ने जिन महानुभावों को दायित्व सौंपे हैं, उनमें वीरेंद्र दत्त सेमवाल को उत्तराखंड हतकरघा एवं हस्तशिल्प विकास परिषद का उपाध्यक्ष नियुक्त किया है। बता दें कि सेमवाल का हतकरघा एवं हस्तशिल्प के प्रति गहरा समर्पण और अनुभव प्रदेश के लिए एक अनमोल धरोहर है।

वीरेंद्र दत्त सेमवाल का हतकरघा एवं हस्तशिल्प के प्रति समर्पण और योगदान

वीरेंद्र दत्त सेमवाल का हतकरघा एवं हस्तशिल्प के प्रति समर्पण काफी पुराना और गहरा है। वे न केवल हतकरघा उत्पादों के प्रचार-प्रसार में सक्रिय रूप से भाग लेते हैं, बल्कि उत्तराखंड में हतकरघा और हस्तशिल्प की पारंपरिक कला को पुनर्जीवित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं। उनका मानना है कि हतकरघा केवल एक वस्त्र नहीं, बल्कि यह हमारे स्वावलंबन, स्वदेशी उत्पाद और भारतीय संस्कृति का प्रतीक है।

उत्तराखंड के विभिन्न गांवों में हतकरघा उद्योग को प्रोत्साहन देने के लिए श्री सेमवाल ने कई पहल की हैं। उनके प्रयासों से प्रदेश के दूर-दराज क्षेत्रों में हतकरघा उत्पादों की बिक्री को बढ़ावा मिला है और स्थानीय ग्रामीणों के लिए रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न हुए हैं।

वीरेंद्र दत्त सेमवाल का सूक्ष्म परिचय

वीरेंद्र दत्त सेमवाल ग्राम पंचायत कुण्डियाली, तहसील बालगंगा, जिला टिहरी गढ़वाल के निवासी हैं। उनके द्वारा हतकरघा और हस्तशिल्प के प्रचार-प्रसार में किए गए कार्यों के कारण उन्होंने न केवल राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में इन उत्पादों को प्रोत्साहन दिया, बल्कि इस उद्योग को नई दिशा देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनकी मेहनत और समर्पण से हतकरघा और हस्तशिल्प उद्योग ने प्रदेश में नया जीवन पाया है।

उत्तराखंड के विकास में हतकरघा और हस्तशिल्प का महत्व और श्री सेमवाल की भूमिका

उत्तराखंड में हतकरघा और हस्तशिल्प का महत्व दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है, क्योंकि यह राज्य की संस्कृति और पहचान से जुड़ा हुआ है। हतकरघा और हस्तशिल्प उद्योग न केवल राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन करता है, बल्कि यह स्वदेशी उत्पाद और पर्यावरण के प्रति जागरूकता को भी बढ़ावा देता है। श्री वीरेंद्र दत्त सेमवाल के नेतृत्व में, हतकरघा और हस्तशिल्प उद्योग को राज्य में और व्यापक पहचान मिल सकती है, जिससे प्रदेश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान होगा।

भारतीय जनता पार्टी के प्रति श्री सेमवाल का समर्पण

श्री वीरेंद्र दत्त सेमवाल भारतीय जनता पार्टी के प्रति अपने समर्पण के लिए भी प्रसिद्ध हैं। उनकी पार्टी के प्रति निष्ठा और सेवा भावना ने उन्हें राज्य में एक प्रमुख नेता के रूप में स्थापित किया है। वे हमेशा पार्टी के सिद्धांतों के अनुसार कार्य करते हैं और प्रदेश के विकास में अपना योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

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