चमोली: बदरीनाथ धाम के कपाट आज मंगलवार को ब्रह्ममुहूर्त में पुष्य नक्षत्र और वृष लग्न में 4 बजकर 15 मिनट पर खोल दिए गए. कोरोना संक्रमण को देखते हुए केवल हक-हकूकघारियों, धर्माधिकारी और आचार्य ब्राह्मणों को मंदिर के अंदर जाने की अनुमति दी गई.
मंदिर के कपाट खुलते ही जय बदरीनाथ के जयघोष से धाम गुंजायमान हो उठा. धाम में पहली पूजा और महाभिषेक पीएम नरेंद्र मोदी ओर से किया गया. इस दौरान उनकी ओर से विश्व कल्याण और आरोग्यता की भावना से पूजा-अर्चना एवं महाभिषेक समर्पित किया गया. डिमरी पंचायत प्रतिधियों द्वारा भगवान बद्रीविशाल के अभिषेक हेतु राजमहल नरेन्द्र नगर से लाये गए तेल कलश ( गाडू घड़ा) को गर्भ गृह में समर्पित किया.
20 क्विंटल फूलों से हुआ श्रृंगार
देवस्थानम बोर्ड की ओर से धाम के कपाट खोलने की सभी तैयारियां पहले ही पूरी ली गई थी. नारायण फ्लावर, ऋषिकेश एवं बदरी-केदार पुष्प सेवा समिति ऋषिकेश की तरफ से बदरीनाथ धाम के सिंहद्वार और अन्य देवालयों को 20 क्विंटल फूलों से सजाया गया है.
कैसे करें ऑनलाइन दर्शन?
कोरोना महामारी में देश-दुनिया के तीर्थ यात्री व श्रद्धालु केदारनाथ और बदरीनाथ धाम के ऑनलाइन दर्शन कर सकेंगे. सोमवार को बाबा केदार के कपाट खुलते ही उत्तराखंड देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए ऑनलाइन दर्शन की सुविधा शुरू कर दी है लेकिन ऑनलाइन पूजा नहीं होगी.
पिछले साल बोर्ड बैठक में ऑनलाइन पूजा का प्रस्ताव रखा गया था. जिस पर तीर्थ पुरोहितों ने मंदिर के गर्भगृह की वीडियो प्रसारित करने पर आपत्ति जताई थी.
केदारनाथ व बदरीनाथ धाम के ऑनलाइन दर्शन देवस्थानम बोर्ड और उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद की वेबसाइट पर जाकर सकते हैं.
पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के अवसर पर बधाई दी है कहा कि श्री बदरीनाथ धाम को आध्यात्मिक हब के रूप में विकसित करने हेतु शासन के स्तर पर प्रयास जारी है. कई संस्थाएं इसके लिए आगे आ रही हैं.
कपाट खुलने के अवसर पर रावल ईश्वरीप्रसाद नंबूदरी, देवस्थानम बोर्ड के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बी.डी.सिंह, उपजिलाधिकारी कुमकुम जोशी, धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल, पुलिस अधीक्षक यशवंत सिंह चौहान, उप मुख्य कार्याधिकारी सुनील तिवारी, डिमरी पंचायत पदाधिकारी आशुतोष डिमरी, विनोद डिमरी, तहसील दार चंद्रशेखर वशिष्ठ, हरीश गौर, पुलिस जिला प्रशासन आईटीबीपी एवं सेना के अधिकारी मौजूद रहे.