पिथौरागढ़: भारत-चीन सीमा के पास पिथौरागढ़ जिले के धारचूला और गुंजी क्षेत्रों में आदि कैलाश यात्रा पर आए 300 से ज्यादा लोगों के लैंडस्लाइड में फंसे होने की खबर सामने आई है. इनमें से ज्यादातक पर्यटक और तीर्थयात्री हैं. मंगलवार शाम से भारी भूस्खलन के तीन दिन बाद भी इस क्षेत्र में कनेक्टिविटी को बहाल नहीं की जा सकी है. इस दौरान एसडीआरएफ ने भूस्खलन में फंसे आदि कैलाश यात्रा के 40 तीर्थयात्रियों को बचाया है. उन्हें सुरक्षित धारचूला ले जाया गया है. बता दें कि यह मुसीबत उत्तराखंड में लखनपुर के पास महत्वपूर्ण लिपुलेख-तवाघाट सीमा सड़क पर लैंडस्लाइड के चलते हुई है.
इस दौरान पिथौरागढ़ की डीएम रीना जोशी का कहना है कि राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) के जवानों को प्रभावित सड़क के दोनों ओर तैनात किया गया है. एसडीआरएफ के जवानों ने कई फंसे हुए लोगों को एक पुराने पुल के रास्ते से पार करने में मदद की है.
वहीं सड़क से मलबा हटाने वाले एक अधिकारी ने कहा कि यातायात बहाल होने में 24 घंटे का वक्त लग सकता है. इससे फंसे लोगों को अभी और लंबा इंतजार करना पड़ सकता है. इन हालातों में फंसे हुए यात्रियों तक राहत सामग्रियां पहुंचाने का कार्य जारी है.
वहीं सर्किल अधिकारी नरेंद्र पंत ने कहा कि लगभग 100 मीटर सड़क पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई है. यातायात को फिर से चालू करने में शुक्रवार शाम तक का समय लग सकता है. उन्होंने बताया कि सड़क के फिर से खुलने का इंतजार करते हुए कर्नाटक के 68 वर्षीय राम दास की कार्डियक अरेस्ट से मृत्यु हो गई. राम दास को धारचूला के एक अस्पताल में ले जाया गया, लेकिन उन्हें मृत घोषित कर दिया गया.