भारी बर्फबारी के बीच खुले बद्रीनाथ धाम के कपाट, सेना के बैंड की धुन पर मंत्र मुग्ध हुए श्रद्धालु, आप भी देखें VIDEO

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चमोली: भारी बर्फबारी के बीच आज श्रद्धालुओं के लिए बद्रीनाथ धाम के कपाट खुल चुके हैं. कपाट खुलने से पहले ही बद्रीनाथ में भारी बर्फबारी हो रही है. इसके बाद भी हजारों की संख्या में श्रद्धालु यहां जयकारे लगाने के साथ ही झूमते दिखे. हर वर्ष की तरह इस बार भी पहली पूजा-आरती देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से की गई. इस दौरान मंदिर की सजावत देखने योग्य थी. बद्री विशाल धाम को को 15 कुंटल फूलों से सजाया गया था. आईटीबीपी के बैंड के अलावा गढ़वाल स्काउट्स ने भी इस मौके पर अपनी प्रस्तुति देकर चार चांद लगा दिए.

बद्रीनाथ धाम के खुले कपाट

हल्की बर्फबारी और बारिश के बीच सेना की टुकड़ी ने बैंड की मधुर धुन और स्थानीय महिलाओं के पारंपरिक संगीत व नृत्य के साथ भगवान बद्रीनाख की स्तुति ने श्रद्धालुओं का मन जीत लिया. इस दौरान राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दिशा निर्देशों के अनुरूप कपाट खुलने के अवसर पर तीर्थ यात्रियों के स्वागत में हेलीकॉप्टर से फूलों की बारिश की गई.

बद्रीनाथ धाम के कपाट आज सुबह सात बजकर दस मिनट के शुभ मुहूर्त पर वैदिक मंत्रोच्चारण एवं विधि विधान के साथ श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए हैं. इस दौरान मुख्य पुजारी वीसी ईश्वर प्रसाद नंबूदरी ने गर्भगृह में भगवान बद्रीनाथ की विशेष पूजा-अर्चना करते हुए सबके लिए मंगलमय की कामना की. इसके साथ ही ग्रीष्मकाल के लिए बद्रीनाथ के दर्शन शुरू हो गए. बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही उत्तराखंड में चारधाम यात्रा भी शुरू हो गई है.

बद्रीनाथ धाम की धार्मिक मान्यता

कहा जाता है कि 12 महीने भगवान विष्णु जहां विराजमान होते हैं. उस सृष्टि के आठवें बैंकुठ धाम को बद्रीनाथ के नाम से जाना जाता है. भगवान विष्णु यहां छह महीने विश्राम करते हैं और छह महीने भक्तों को दर्शन देते हैं. वहीं दूसरी मान्यता है कि साल के छह महीने मनुष्य भगवान विष्णु की पूजा करते हैं. और बाकी छह महीने यहां देवता भगवान विष्णु की पूजा करते हैं. इस पूजा में मुख्य पुजारी खुद देवर्षि नारद होते हैं.

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