ऋषिकेश: मनोकामना सिद्ध श्री हनुमत पीठ प्रांगण मायाकुंड में चल रही श्री राम कथा का आज चौथा दिन है. इस कथा में नरसिंहपुर से आए कथा व्यास उमा महेश नंदन आचार्य मनीष पाठक जी महाराज ने भगवान की बाल लीलाओं का और अन्यान्य कथाओं पर विस्तार से बताया.
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि हम सभी को भगवान श्री राम के द्वारा बताए गए मार्ग का अनुसरण करना चाहिए. भगवान श्रीराम का आचरण कैसा है मानस में वर्णित है.
‘प्रातकाल उठ के रघुनाथा, मात-पिता गुरु नावहिं माथा’
उन्होंने कहा कि हमारे श्रीराम प्रातः काल सूर्य उदय होने के पूर्व जागकर सर्वप्रथम अपने माता पिता और गुरुजी का वंदन करते हैं और आजकल लोग प्रातः काल उठते ही क्या करते हैं.
बैठे-बैठे पलंग पर करें चाय का ध्यान ,पाठ करें अखबार,का होय कहां कल्याण?
हमारे बड़े बुजुर्ग प्रातः काल स्नानादि से निवृत्त होकर भगवान का ध्यान-पूजन इत्यादि करते थे. सेवा के, दान के कार्य करते थे और आज हम सभी ने अपनी संस्कृति को, अपने पूर्वजों की परंपरा को भूलाने का काम किया है. इसलिए सब कुछ होते हुए भी आज लोग दुखी हैं, उदास है ,डिप्रेशन में है.
उन्होंने कहा कि इसलिए कथा के माध्यम से हम सभी को यह स्मरण रखना चाहिए कि हम भगवान को माने अच्छा है. किंतु, उससे भी अच्छा तब होगा जब हम भगवान की भी मानेंगे यही संदेश कथा हमको देती है.