ऋषिकेश: भगवान गणेश के जन्म दिन के उत्सव को गणेश चतुर्थी के रूप में जाना जाता है. गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश को बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य के देवता के रूप में पूजा जाता है. इस दिन लोग अपने घरों में भगवान गणेश की मूर्ति को स्थापित करते हैं. ऐसा ही एक परिवार है, जो पिछले 11 सालों से लगातार ऋषिकेश में गणेश उत्सव बड़ी ही धूमधाम से मना रहा है.
ऋषिकेश के गुमनीवाला में गणेश चतुर्थी की शुरुआत कमलेश तिवारी और रमेश सुरीरा ने मिलकर की थी. इन परिवारों द्वारा सन 2011 से 11 वर्ष तक इस उत्सव को लगातार मनाने का संकल्प लिया गया था. जो निर्विघ्नं रूप से इस बार 2021को संपूर्ण हुआ.
इस उत्सव को लेकर कमलेश तिवारी कहते हैं कि हम दोनों परिवारों ने 11 सालों तक मिलकर हर साल 5 दिनों तक गणपति बैठाए. जिसमें पहले दिन गणपति बाबा की स्थापना की जाती थी. जिसके बाद लगातार तीनों पहर भगवान गणेश की आरती और फिर उन्हें भोग लगाया जाता था.
इसके बाद चौथे दिन सत्यनारायण की कथा का पाठ किया जाता था. इसके साथ ही उसी दिन भंडारे का भी आयोजन किया जाता था. उन्होंने कहा कि आखरी और पांचवे दिन उन लोगों द्वारा सबके प्यारे गणेश जी को मां गंगा में ढोल नगाड़ों और नम आंखों के साथ विसर्जित किया जाता रहा है.