गढ़वाली लोक संगीत को पहचान दिलाने वाले सुप्रसिद्ध लोकगायक जीत सिंह नेगी बीते रविवार इस दुनिया को अलविदा कहकर चले गये. उनके देहांत के बाद जहां पूरे प्रदेश में शोक की लहर है, वहीं उनसे काफी प्रेम करने वाले गढ़रत्न नरेंद्र सिंह नेगी ने उनके नाम एक संदेश लिखा है, जिसमें उन्होंने पुराने दिनों को याद करते हुए बताया कि कैसे उनसे मार्ग दर्शन लेने के लिए उन्होंने जीत सिंह नेगी के घर के पास कमरा लिया था. यह लेख गढ़वाली में है.
ब्यालि ब्याखुनी एक और दुखद समाचार सुणणा को मिली कि जीत सिहं नेगि जी अब हमारा बीच नि राया. जीत सिहं नेगिजी सबसे पुराणा लोकगायक छा. हमारा जन्म से भि पैलि 1949 मा ऊंका गढवालि गीतू का ग्रामोफोन रिकार्ड बणिगे छा। जब 1990 मा मेरो ट्रान्सफर देहरादून ह्वे त मिन ऊंकै घर का पास धर्मपुर मा कमरा किराया फर ले ताकि लोकसंगीत क्षेत्रमा ऊंका अनुभव को लाभ उठै सकू।
नेगिजी का पुराणा भूला बिसर्यां गीतू थैं नई पीढि तक पौंछाणो प्रस्ताव जब मिन ऊंका सामणि रखि त खुश ह्वेकि ऊंन अपडा गीतू को रजिस्टर मैथैं पकडेदे. गीत लिखणै गाणै ऊंकि एक अलग ही शैलि छै। ईश्वर ऊंकि आत्मा थैं परम सांन्ति द्यो अर परिवार व शुभचिन्तकू थैं ये दुख सैणै शक्ति द्यो. ओम् शान्ति.
नरेन्द्र सिंह नेगी