ऋषिकेश: पॉलिथीन और प्लास्टिक डिस्पोजलों की बिक्री तीर्थनगरी ऋषिकेश प्रशासन के लिए सिरदर्द बन चुकी है. साथ ही नगर निगम द्वारा छापेमारी से व्यापारी वर्ग में भी हड़कंप मचा हुआ है. जिसके समाधान के लिए शुक्रवार को नगर आयुक्त,एसडीएम,पुलिस क्षेत्राधिकारी और व्यापारी प्रतिनिधी मंडल की बैठक हुई. जिसमें पॉलिथीन और अतिक्रमण को लेकर कई निर्णय लिये गये.
बैठक के दौरान व्यापारी प्रतिनिधी मंडल ने छापेमारी के दौरान आने वाली नगर निगम की टीम के व्यवहार पर सवाल उठाए. जिसमें शिकायत करते हुए कहा गया कि छापामारी के दौरान आने वाली टीम का व्यवहार बेहद खराब होता है. जिसे सुधारने की आवश्कता है. जिस पर नगर निगम आयुक्त नरेंद्र सिंह क्वीरियाल ने व्यापारियों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि अब भविष्य में जब भी निगम की टीम किसी दुकान में छापा मारने जाएगी या अतिक्रमण हटाने जाएगी तो पहले गांधी गिरी अपनाते हुए दुकानदार का नमस्कार किया जाएगा और इसके बाद उसके गले में फूल-माला डाली जाएगी. इसके बाद ही उसकी दुकान पर नगर निगम कार्रवाई करेगा. इस जवाब के बाद व्यापारी मंडल के लोग अपनी बगले झांकते हुए नजर आए.
बैठक में लिए गये मुख्य निर्णय
- नमामी गंगे और एनजीटी के नियमों के चलते ऋषिकेश में पॉलिथीन, थर्माकॉल और प्लास्टिक डिस्पोजल पर प्रतिबंध रहेगा. बेचते हुए पाए जाने पर माल जब्त और जुर्माने की कार्रवाई की जाएगी.
- व्यापारियों के आग्रह पर उन्हें दशहरा तक की मोहलत दी गई है. कहा गया है कि सभी व्यापारी अपना पुराना प्रतिबंधित सामान का 15 दिनों के भीतर निस्तारण कर दें.
- अगर कोई व्यापारी, दुकानदार या होटल स्वामी अपनी दुकान के आगे कोई ठेली या फड़ लगवता है, तो दुकान मालिक के खिलाफ पांच हजार रुपये का चालान काटा जाएगा.
- अगर किसी दुकान का सामान नाली से बाहर मिला तो उसका सामान नगर निगम द्वारा जब्त कर दिया जाएगा. वहीं दिवाली के बाद नाली के ऊपर का अतिक्रमण भी हटाया जाएगा.
व्यापारियों का पक्ष
व्यापारियों का कहना है कि प्लास्टिक कैरी बैग वे नहीं बेचेंगे. लेकिन प्लास्टिक डिस्पोजल को लेकर उत्तराखंड के अन्य स्थानों व पहाड़ी क्षेत्रों में जो रियायत दी जा रही है, वह ऋषिकेश नगर में भी अपनाई जाए. साथ ही डिस्पोजलों को सीधे गोदाम से नगर के बाहर बेचने की अनुमति दी जाए. जो फिलहाल प्रशासन ने नहीं दी है. वहीं जल्द ही व्यापारी प्रतिनिधी मंडल इस मुद्दे को लेकर जिलाधिकारी से मुलाकात करेगा.