देहरादून: उत्तराखंड राज्य को 5 साल में तीसरा मुख्यमंत्री मिलने वाला है. राज्य के मौजूदा मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने अपने पद से रातों-रात इस्तीफा दे दिया है. दिल्ली में पार्टी हाईकमान से मुलाकात के बाद तीरथ सिंह रावत देहरादून पहुंचे, रात 10 बजे मीडिया के सामने अपना रिपोर्ट कार्ड पेश किया और राज्यपाल से मिलकर अपना इस्तीफा दे दिया.
शनिवार को दिन में 3 बजे देहरादून में बीजेपी विधायक दल की बैठक बुलाई गई है और इसमें नए मुख्यमंत्री का चुनाव किया जाएगा। केंद्रीय पर्यवेक्षक के तौर पर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को देहरादून भेजा जा रहा है।
कौन होगा अगला मुख्यमंत्री?
बीजेपी मौजूदा विधायकों में ही अगला मुख्यमंत्री चुन सकती है. इसके लिए धन सिंह रावत और सतपाल महाराज का नाम सामने आ रहा है. दोनों बीजेपी के दिग्गज नेता हैं और दोनों रावत की तरह ही ठाकुर समुदाय से आते हैं. इसके अलावा ये भी गढ़वाल क्षेत्र से आते हैं.
अगर बीजेपी किसी गैर विधायक को मुख्यमंत्री बनाना चाहती है तो उनके पास अनिल बलूनी और रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ विकल्प के तौर पर मौजूद हैं.
खराब प्रदर्शन और बयानबाजी बनी मुसीबत
तीरथ सिंह रावत का बतौर मुख्यमंत्री खराब प्रदर्शन और कोरोना को ठीक तरह से मैनज न कर पाना भी उन्हें हटाए जाने का एक बड़ा कारण हो सकता है. इसके अलावा उनकी उटपटांग बयानबाजी से भी बीजेपी की आए दिन किरकिरी होती रहती थी. लेकिन गंगोत्री में बीजेपी विरोध का सामना कर रही थी. अगर तीरथ सिंह गंगोत्री से चुनाव लड़ते भी तो उन्हें कांग्रेस तगड़ी टक्कर देती और शायद हरा भी सकती थी.
तीरथ सिंह रावत अभी पौड़ी सीट से सांसद हैं और उन्होंने 10 मार्च, 2021 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी.
10 सितंबर को होना था उपचुनाव
राज्य की विधानसभा का कार्यकाल मार्च 2022 में ख़त्म होगा. इसका मतलब अभी 9 महीने का वक़्त बचा हुआ है. लेकिन अनुच्छेद 151ए के हिसाब से देखें तो तीरथ सिंह रावत के लिए 9 सितंबर, 2021 के बाद मुख्यमंत्री के पद पर बने रहना संभव नहीं था क्योंकि वे विधायक नहीं हैं और राज्य में चुनाव होने में एक साल से कम का वक़्त बचा है और ऐसे में यहां उपचुनाव नहीं कराए जा सकते.
बता दें कि इस साल मार्च में बीजेपी ने त्रिवेंद्र सिंह रावत को मुख्यमंत्री की कुर्सी से हटाकर तीरथ सिंह रावत को इस पद की जिम्मेदारी सौंपी थी।