ऋषिकेश: गंगा तट त्रिवेणी घाट में उत्तराखंड के लोक पर्व इगास को लेकर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसकी शुरुआत खोली का गणेशा लोकगीत से हुई. गढ़ संरक्षण समिति संस्कृति द्वारा आयोजित इस रंगारंग कार्यक्रम में कई कलाकारों ने अपनी दिलकश प्रस्तूतियोंं से यहां मौजूद दर्शकोंं का मन मोह लिया.
कार्यक्रम के दौरान राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी ने मोबाइल द्वारा प्रदेशवासियों को फोन के माध्यम से अपना शुभकामनाएं संदेश भी दिया. इगास कार्यक्रम में पहाड़ी कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियों से सबको मंत्र मुक्त कर दिया. इस दौरान नंदा राज जात की डोली का प्रदर्शन किया गया. साथ ही इगास के गढ़वाली लोक गीतों और नृत्यों का भी भव्य आयोजन किया गया.
इस दौरान ऋषिकेश की 8 वर्षीय केजी क्लास में पढ़ने वाली आयशा ने भी मंच पर आकर लोगों का अपनी मासूमियत से दिल जीत लिया. आयशा ने जनता और पार्षदों से कोरोना महामारी से बचने का आवाहन किया. जिसके लिए लोगों को मास्क और सामाजिक दूरी का संदेश दिया.
इसके साथ ही बच्ची ने नगर निगम से निवेदन करते हुए गरीबों के लिए मकान बनाने की भी गुजारिश की. वहीं बालिका ने अपना पशु प्रेम दिखाते हुए आवारा कुत्तों के लिए भी डॉग शेल्टर बनाने की नगर निगम ऋषिकेश मेयर से रिक्वेस्ट की. इसके बाद बच्ची ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों से जय उत्तराखंड और वंदे मातरम के नारे भी लगवाए.
नगर निगम मेयर अनिता ममगाई ने कहा कि इगास पर्व उत्तराखंड की लोक संस्कृति से जुड़ा पर्व है. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस महान पर्व को मान्यता देने के लिए अवकाश की घोषणा कर ऐतिहासिक कदम उठाया है. लोक पर्वों को बड़ावा देने के लिए यह निर्णय मील का पत्थर साबित होगा.
उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के जरिए पहाड़ की संस्कृति को बचाने के साथ-साथ नई पीढ़ी को भी अपनी रियासतों से रूबरू कराने का प्रयास किया गया है.
मंच का संचालन पर्यावरणविद विनोद जुगरान द्वारा शानदार रूप से किया गया.
पूर्व राज्य मंत्री भगत राम कोठारी, संदीप गुप्ता, जिला पंचायत सदस्य संजीव चौहान, जयेंद्र रमोला, विपिन केन्थुला, शंभू पासवान, मंजू बलोदी, रवि शास्त्री और कार्यक्रम संयोजक शैलेन्द्र बिष्ट सहित कई पार्षद मौजूद रहे.