देहरादून: देवभूमि कहे जाने वाले इस उत्तराखंड प्रदेश में पहले तो छात्र-छात्राओं को सरकारी परीक्षा करवाने को लेकर आंदोलन करना पड़ता है. वहीं परीक्षा से पहले पेपर लीक करवाकर उनके भविष्य के साथ खेला जाता है. उत्तराखंड की VDO/VPDO परीक्षा भर्ती घोटाले मामले में एसटीएफ ने काफी हद तक गुत्थी सुलझा ली है. जिसमें एसटीएफ ने पेपर लीक करवाने से जुड़े छह लोगों को पकड़ा है. आज रविवार को प्रेस के माध्यम से एसटीएफ ने यह खुलासा किया. कांफ्रेंस
अधीनस्थ चयन सेवा आयोग ने वर्ष 2021 में स्नातक स्तरीय परीक्षाऐं संचालित की थी. परीक्षा में लगभग 1.60 लाख युवाओं ने भाग लिया गया था. परीक्षा परिणाम के बाद कई छात्र संगठनों द्वारा उक्त परीक्षा के सम्बन्ध में सीएम धामी को ज्ञापन सौंपा गया. सीएम धामी ने परीक्षा की अनियमित्ताओं के सम्बन्ध में मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिये. जिसके बाद उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने जांच एसटीएफ को सौंप दी. वहीं जांच के बाद भर्ती में कई तरह की अनियमितताएं पाई गई.
जिसमें अभी तक कुल 6 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है. साथ ही उनके कब्जे से लगभग 37.10 लाख रूपये कैश बरामद हुआ, जो उनके द्वारा विभिन्न छात्रों से लिया गया.
ऐसे रचा गया पेपर लीक का पूरा षड्यंत्र
एसटीएफ STF Uttarakhand द्वारा गिरफ्तार किये गये 6 लोगों में से मनोज जोशी जो कि देहरादून रायपुर में मौजूद अधीनस्थ चयन सेवा आयोग UKSSSC कार्यालय में PRD फोर्थ क्लास कर्मचारी के रूप में काम कर रहा था हालांकि इस से पहले वर्ष 2018 में शिकायत पर पीआरडी कर्मचारी को हटा दिया गया था लेकिन ये अभी वहीं कार्यरत था। इसके अलावा जयजित दास जो आयोग की परीक्षा कराने वाली आउटसोर्सिंग कम्पनी आर0एम0एस0 टेक्नोसोल्यूशन इण्डिया प्रा0लि0 में कंप्यूटर ऑपरेटर या फिर टेक्निशियन के रूप में वर्ष 2015 से कार्यरत था। इन दोनो लोगों ने मिल कर आयोग की परीक्षाओं से संबंधित प्रश्न पत्र लीक किये.
लेकिन प्रश्न पत्र लीक करके उसे प्रशन प्रत्र के बदले मोटी रकम चुकाने वाले अभ्यर्थी तक पहुंचाना इतना आसान नही था. जिस काम के लिए इनके साथ 4 और लोगों ने मिल कर काम को अंजाम दिया। मनोज जोशी और जयजित दास की आपस में अच्छी जान पहचान थी क्योंकि दोनो का संबध आयोग से था तो वहीं आयोग कार्यालय पर एक और मनोज जोशी जो कि चंपावत के रहने वाले थे उनका परीक्षाओं के सम्बन्ध में जानकारी को लेकर आना जाना लगा रहता था क्योंकि वह भी परीक्षा की तैयारी कर रहा था और इसी दौरान दोनो मनोज जोशी और आउटसोर्सिंग कम्पनी आर0एम0एस0 के कंप्यूटर ऑपरेटर जयजित दास की आपस में जान पहचान हुई। अब यहां पर खेल शुरू होता कोचिंग सेंटर के गिरोह का।
देहरादून स्थित कोचिंग सेंटर के मालिक के भी जुड़े थे धांधली में तार
दरअसल UKSSSC कार्यालय पर अक्सर आने वाला मनोज जोशी जो कि खुद परीक्षा की तैयारी कर रहा था वह एक देहरादून करनपुर में मौजूद डेल्टा डिफेन्स कोचिंग इंस्टीट्यूट में कोचिंग लेता था और वहीं उसकी जान पहचान इंस्टीट्यूट के मालिक और डायरेक्टर कुलवीर सिंह चौहान से हुई और कुलवीर के माध्यम से इन सभी चारों लोगों की जिसमें दो मनोज जोशी एक PRD कर्मचारी, एक परीक्षा की तैयारी कर रहा अभ्यर्थी, कम्प्यूटर आपरेटर जयजित दास और डेल्टा के मालिक कुलवीर के साथ विकासनगर रहने वाला शुरवीर चौहान जुड़ गया। अब यह पांच लोग इस पूरे षड्यंत्र में शामिल हो गये।
इसी दौरान मनोज जोशी जो कि परीक्षा की तैयारी कर रहा था उसकी मुलाकात सितारगंज के एक और ऐसे अभ्यर्थी गौरव नेगी से मुलाकात होती है जो कि uksssc की परिक्षा की तैयार भी कर रहा था और किच्छा में एक प्राइवेट स्कूल में टीचिंग भी करता था। इस तरह से यह 6 आरोपी जो अब तक गिरफ्तार किये गये हैं एक दूसरे के संपर्क में आये और कोचिंग मालिक कुलवीर और उसके दोस्त शूरवीर ने पहले UKSSSC कार्यालय में अपनी जान पहचान बताने वाले मनोज और उसके माध्यम से दूसरे मनोज PRD कर्मचारी और फिर कंप्यूटर ऑपरेटर जयजित तक 60 लाख रुपये पहुंचाये गये।
परीक्षा से 1 दिन पहले एक बड़े रिजॉर्ट में हुआ था पेपर लीक
दरअसल 4 और 5 दिसंबर को 3-3 अलग अलग पालियों में कई स्नातक स्तर की कई पोस्ट के लिए परीक्षा होनी थी जिसमें ग्राम विकास अधिकारी, कनिष्ठ सहायक इत्यादि कई परीक्षाओं के लिए तकरीबन 1.6 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। इसी दौरान परीक्षा से ठीक एक दिन पहले पेपर लीक करके इन 6 के 6 लोगों ने मिल कर रामनगर एक लग्जरी रिजॉर्ट में 1 दिन पहले 3 कमरे बुक कर के परीक्षा से ठीक पहली रात भर इन लीक हुए प्रश्न पत्रों से तैयारी करवाई और फिर अगली सुबह सभी अभ्यर्थियों को एग्जाम सेंटर छोड़ दिया गया। अंजाम ये रहा कि इन 6 आरोपियों में से खुद इन परीक्षाओं में बैठे दो लोग मनोज और गौरव ने भी परीक्षा पास की और मनोज को 42 और गौरव को 53 रैंक प्राप्त हुई । इस पूरी परीक्षा में कुल 913 अभ्यर्थियों का चयन हुआ है। हालांकि इनमें से कौन चिंटिग कर के और कौन सही तरीके से पास हुआ इसको लेकर एसटीएफ जांच में जुटी है.