इलाहबाद के चौहरे हत्याकांड में आठ आरोपी गिरफ्तार, दो पुलिसकर्मी निलंबित

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लखनऊः बीते दिनों उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में हुई दलित परिवार के चार सदस्यों की हत्या को लेकर दो पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है। इन पुलिसकर्मियों पर परिवार को एक जमीन सौदे को लेकर आरोपी के साथ समझौता करने के लिए मजबूर करने का आरोप है। वहीं अन्य आठ लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

बता दें कि दलित परिवार के दो बच्चों सहित चार लोगों के शव 25 नवंबर की सुबह उनके घर से बरामद किए गए थे। जिसके बाद पीड़ित परिवार के संबंधियों ने पुलिस के पास इस मामले में शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने शिकायत में थाना प्रभारी को नामित किया है, जिसके पास हत्या होने से पूर्व दलित परिवार सुरक्षा के लिए पहुंचा था। परिवार के संबंधियों का कहना है कि थाना प्रभारी राम केवल पटेल और कॉन्स्टेबल सुशील कुमार सिंह ने समझौता करने के लिए परिवार पर दबाव बनाया था और आरोपियों की मदद की थी।

पुलिस द्वारा इस मामले में की गई कार्यवाही के मुताबिक सामूहिक बलात्कार और हत्या के लिए आईपीसी की धाराओं सहित पॉक्सो एक्ट और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति एक्ट के तहत 11 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। जिनमें से आठ को गिरफ्तार किया जा चुका है। वहीं नाबालिग लड़की के यौन शोषण को लेकर भी पुलिस इस मामले की जांच कर रही है क्योंकि मौके पर उसके कपड़े अस्त.व्यस्त मिले थे।

आरोपियों में कथित उच्च जाति के कई लोग शामिल हैं, जिनमें आकाश सिंह, बबली सिंह, अमित सिंह, रवि, मनीष, अभय, राजा, रांचू, कुलदीप, कान्हा ठाकुर और अशोक हैं। वहीं शिकायत के आधार पर थना प्रभारी पटेल व कॉन्स्टेबल सुशील कुमार को निलंबित कर दिया गया है।

इलाहाबाद के डीआईजी सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी ने कहा कि मामले में अब तक कुल 11 लोगों में से आठ लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। बाकी के दो मुंबई में हैं और टीम उनका पता लगाकर गिरफ्तार करने के लिए टीम को तैनात किया गया है। एक आरोपी अस्पताल में भर्ती है, और वह चलने में सक्षम नहीं है, हम उससे भी पूछताछ करेंगे, हम हर संभव एंगल से मामले की जांच करेंगे।

त्रिपाठी ने यह भी कहा कि परिवार की सुरक्षा की मांग को स्वीकार कर लिया गया था, उन्होंने जैसे ही सुरक्षा के लिए आवेदन दिया, उन्हें हथियार के लिए लाइसेंस देने की प्रक्रिया पूरी की गई, जिला प्रशासन ने परिवार के लिए मुआवजे का भी ऐलान किया।

वहीं इस पर परिवार के सदस्यों का कहना है कि पीड़ितों ने कुछ महीने पहले पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी और आरोपियों को भू माफियों का हिस्सा बताते हुए कहा था कि उन्होंने उन्हें जान से मारने की धमकी दी थी, लेकिन एफआईआर पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।

यह घटना 25 नवंबर को इलाहाबाद के फाफामऊ के मोहनगंज गोहरी गांव में हुई थी, दलित परिवार के मुखिया जिनकी उम्र 50 साल, उनकी 45 वर्षीय पत्नी, 16 साल की बेटी और 10 साल के बेटे के मृत शव पाए गए थे, शवों के पास खून से सनी कुल्हाड़ी भी पाई गई थी।

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