उत्तराखंड: देश के कई राज्य अब मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई हिंदी में करवाने के लिए कदम बढ़ा रहे हैं. इसी लिस्ट में मध्यप्रदेश के साथ अब उत्तराखंड का भी नाम जुड़ गया है. जहां एमबीबीएस की पढ़ाई हिंदी में करवाई जाएगी. अब उत्तराखंड के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में अगले एकेडमिक सेशन से एमबीबीएस की पढ़ाई अंग्रेजी के साथ हिंदी में भी होगी. राज्य के शिक्षा मंत्री धनसिंह रावत ने शुक्रवार को यह जानकारी दी है. मध्यप्रदेश के बाद उत्तराखंड दूसरा राज्य होगा जहां यह निर्णय लिया गया है.
इसके लिए राज्य के मेडिकल एजुकेशन विभाग ने पौड़ी जिले के श्रीनगर स्थित राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर सीएमएस रावत की अध्यक्षता में चार सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन भी कर दिया गया है. इस समिति का कार्य मध्यप्रदेश सरकार के मेडिकल कॉलेजों में लागू एमबीबीएस के हिंदी पाठ्यक्रम का अध्ययन कर उत्तराखंड के कॉलेजों के लिए नए सिलेबस का प्रारूप तैयार करना है.
इस बारे में राज्य के मेडिकल शिक्षा मंत्री धनसिंह रावत ने बताया कि समिति की ओर से प्रारूप तैयार करने के बाद सभी औपचारिकताएं पूर्ण कर अगले सत्र से राज्य के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में इसे लागू किया जाएगा.
यह फैसला लेने का कारण
धनसिंह रावत ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रभाषा हिंदी को विशेष महत्व दिया जा रहा है. जिसके तहत न्यायपालिका समेत केंद्र व राज्य सरकारों के सभी विभागों का कार्य हिंदी भाषा में करने पर जोर दिया जा रहा है. इतना ही नहीं शिक्षा के क्षेत्र में भी अंग्रेजी के साध हिंदी भाषा को भी पाठ्यक्रम में लागू किया जा रहा है.
बता दें कि डॉक्टर की पढ़ाई कर रहे छात्र बहुत समय से सरकार से मेडिकल के पाठ्यक्रम को हिंदी मीडियम में उपलब्ध करने की मांग करते आ रहे हैं. इसी बातों को ध्यान में रखते हुए चिकित्सा शिक्षा विभाग ने नए सेशन के लिए एमबीबीएस की पढ़ाई अंग्रेजी के साथ हिंदी माध्यम में भी कराने का निर्णय लिया है.
प्रदेश के ज्यादातर विद्यालयों में छात्र-छात्राओं की पढ़ाई हिंदी मीडियम से ही कराई जाती है. ज्यादातर देखा गया है कि पहाड़ी क्षेत्रों में स्कूली शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्र-छात्राओं को अंग्रेजी माध्यम से की जाने वाली मेडिकल की पढ़ाई में दिक्कतें आती हैं.