कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने भाजपा का दामन थाम लिया। माना जा रहा कि पार्टी उन्हें टिहरी से टिकट दे सकती है। कांग्रेस ने हाल में ही उपाध्याय को पार्टी के सभी पदों से हटा दिया था। तब से ही उनके भाजपा में जाने की चर्चा होती आ रही थी। आज सुबह कांग्रेस ने उन्हें छह साल के लिए पार्टी से निकाल भी कर दिया था।
भाजपा में शामिल होने के दौरान किशोर उपाध्याय ने कहा कि उत्तराखंड की रक्षा, देश की रक्षा तभी संभव है जब उत्तराखंड खुशहाल रहेगा, सुखी रहेगा. उस भावना को लेकर लंबे समय से मेरी चर्चा हुई वनाधिकारों को लेकर. मुझे विश्वास है कि मेरी भावनाओं को संरक्षण इन साथियों से और प्रधानमंत्री मोदी जी से मिलेगा.
44 साल से कांग्रेस से जुड़े हैं किशोर
किशोर उपाध्याय वर्ष 1978 से कांग्रेस से जुड़े हुए हैं। पार्टी के साथ उनका लंबा साथ रहा है। वर्ष 2002 और वर्ष 2007 में वे टिहरी से विधायक रहे। वर्ष 2012 में वे टिहरी से चुनाव हार गए थे। 2017 में वे अपनी परंपरागत सीट टिहरी को छोड़ कर चुनाव लड़ने देहरादून सहसपुर सीट पर पहुंचे। यहां से भी उन्हें हार मिली। 2014 में उन्हें पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया। वे 1991 से ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के सदस्य भी रहे।