आश्रमों की खरीद-फरोख्त से नाराज हुआ संत समाज, उत्तराखंड सरकार से रासुका और गुंडा एक्ट लगाने की मांग

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मयंक ध्यानी रिपोर्ट

ऋषिकेश: तीर्थ नगरी में लगातार खुर्द बुर्द होती धर्मशालाओं को बचाने के लिए संत समाज ने कमर कस ली है. जिसके चलते आज शनिवार को संत समिति ऋषिकेश ने एक बैठक का आयोजन किया. बैठक में ऋषिकेश तीर्थनगरी क्षेत्र में तेजी से बदले जा रहे तीर्थनगरी के धार्मिक स्वरूप पर संत समिति ने चिंता जाहिर करते हुए धर्मशालाओं को सरकारी नियंत्रण में लेने और उनके खरीद-फरोख्त पर रासुका और गुंडा एक्ट लगाने की मांग करी .

शनिवार को संत समिति के अध्यक्ष महंत विनय सारस्वत की अध्यक्षता में समिति की बैठक आयोजित की गई. कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महंत विनय सारस्वत ने कहा कि तीर्थनगरी ऋषिकेश का धार्मिक स्वरूप लगातार बिगड़ता जा रहा है. यहां मौजूद सैकड़ों धर्मशालाओं, मठ और मंदिरों से तीर्थनगरी की पहचान पूरे विश्व में धार्मिक क्षेत्र के रूप में जानी जाती थी. लेकिन, दुर्भाग्य का विषय है कि लगातार कुछ भू-माफियाओं द्वारा धार्मिक संपत्तियों को खुर्द-बुर्द कर उन्हें व्यवसायिक स्वारूप में तब्दील किया जा रहा है.

खुले आसमान के नीचे सो रहे हैं यात्री

उन्होंने कहा कि ऋषिकेश चारधाम यात्रा का प्रमुख स्थल और प्रवेश द्वार है, यहां पूरे वर्ष भर लाखों की संख्या में तीर्थयात्री पहुंचते हैं. लेकिन, मंदिर, मठ और धर्मशालाओं के अभाव में तीर्थयात्रियों को धर्मशालाएं उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं. जिसके कारण कुछ वर्षों से यात्रियों को सड़कों पर खुले आसमान के नीचे सोते हुए देखा जा सकता है.

बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास किया गया कि जो भी धार्मिक संस्थाएं व ट्रस्ट, धार्मिक संपत्तियों का व्यवसायीकरण कर रहे हैं, संत समिति उसका विरोध करती है। संतों ने मांग की कि धार्मिक संपत्ति को बेचने और खरीदने वाले दोनों पक्षों के खिलाफ सरकार रासूका व गुंडा एक्ट के तहत कार्रवाई करे.

उच्च न्यायालय में दायर करेगी जनहित याचिका

संत समिति शीघ्र ही इस संबंध में मुख्यमंत्री व राज्यपाल से मुलाकात कर पूर्व में खुर्द-बुर्द हुई धार्मिक संपत्तियों को उनके पुराने स्वरूप में लाने और वर्तमान में खरीद-फरोख्त की जा रही संपत्तियों की जांच की मांग करेगी. साथ ही ऐसी संपत्तियों को सरकारी नियंत्रण में लेने की मांग करेगी. यदि सरकार ने कार्रवाई नहीं की तो संत समिति उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर करेगी.

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