खुशख़बरी: तीन खिलाड़ियों को मिला उत्तराखंड खेल रत्न पुरस्कार, गुरुओं को भी मिला सम्मान

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देहरादून: खेल विभाग की ओर से उत्कृष्ट प्रदर्श करने वाले खिलाड़ियों और उनके प्रशिक्षकों को आज शुक्रवार को पुरस्कार वितरित किया गया. इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खिलाड़ियों को खेल रत्न और प्रशिक्षकों को द्रोणाचार्य अवार्ड से नवाजा है. इसके साथ ही इस कार्यक्रम में देवभूमि उत्तराखण्ड खेल रत्न पुरस्कार, देवभूमि उत्तराखण्ड द्रोणाचार्य पुरस्कार, लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार और वर्ष 2021 एवं 2022 में राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक विजेता खिलाड़ियों एवं उनके प्रशिक्षकों को नकद पुरस्कार भी प्रदान किया गया है. इस अवसर पर विजेताओं को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी व खेल मंत्री रेखा आर्य द्वारा सम्मानित किया गया.

खिलाड़ियों को नकद के साथ किया गया सम्मान

देवभूमि उत्तराखंड खेल रत्न पुरस्कार और लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार के विजेताओं को पांच लाख रुपये और देवभूमि उत्तराखंड द्रोणाचार्य पुरस्कार के विजेताओं को तीन लाख रुपये दिए गए. वहीं राष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने वाले 169 खिलाड़ियों को दो करोड़ से ज्यादा की धनराशि के पुरस्कार वितरित किए गए.

देवभूमि उत्तराखंड खेल रत्न अवॉर्ड

  • अल्मोड़ा के बैडमिंटन के अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी लक्ष्य सेन को 2019-20 के लिए देवभूमि उत्तराखंड खेल रत्न पुरस्कार.
  • नैनीताल के चंदन सिंह अंतरराष्ट्रीय स्तर के एथलीट हैं. उन्हें वर्ष 2020-21 के लिए देवभूमि उत्तराखंड खेल रत्न पुरस्कार.

देवभूमि उत्तराखंड द्रोणाचार्य अवॉर्ड

  • अल्मोड़ा निवासी डीके सेन भारतीय बैडमिंटन टीम के कोच हैं. डीके सेन अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन के पिता और बचपन के कोच भी हैं. उन्हें वर्ष 2019-20 के लिए देवभूमि उत्तराखंड द्रोणाचार्य पुरस्कार
  • बागेश्वर निवासी कमलेश कुमार तिवारी ताइक्वांडो के कोच व निर्णायक हैं. उन्हें वर्ष 2020-21 के लिए देवभूमि उत्तराखंड द्रोणाचार्य पुरस्कार
  • कोटद्वार निवासी संदीप कुमार डुकलान तीरंदाजी खिलाड़ी व कोच हैं. उन्हें वर्ष 2021-22 के लिए देवभूमि उत्तराखंड द्रोणाचार्य पुरस्कार.

लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड

  • अल्मोड़ा निवासी सुरेश चंद्र पांडे अंतरराष्ट्रीय मैराथन व क्रास कंट्री चैंपियन रहे हैं. उन्‍हें वर्ष 2021-22 के लिए उन्हें लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से नवाजा गया.

इसके साथ ही द्रोणाचार्य, खेल रत्न और लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड का इंतजार तो खत्म हो गया, लेकिन अभी हिमालय पुत्र पुरस्कार के लिए प्लेयर्स को और इंतजार करना पड़ेगा. वर्ष 2022 में शासनदेश होने के बाद भी विभाग द्वारा अभी इसके लिए आवेदन नहीं मांगा गया है.

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