ऋषिकेश: रेलवे विभाग द्वारा सड़क के बीचो बीच खड़े ट्रांसफार्मर से टकराने के कारण बनखंडी निवासी प्रदीप पाल की मौत हो गई। जिससे गुस्साए स्थानीय लोगों ने रेलवे विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए रेलवे स्टेशन के बाहर कई घंटों तक जाम लगाया।लोगों द्वारा रेलवे प्रशासन के अधिकारियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करने व मृतक के परिजनों को उचित मुआवजा देने की मांग की गई। ऐसा न करने पर शव को रेलवे स्टेशन के सामने रखकर धरना देने की चेतावनी दी गई है।
बता दें कि रविवार लगभग 9:30 बजे प्रदीप पाल अपनी बाइक से रेलवे स्टेशन के सामने बनी नई सड़क से होते हुए अपने घर जा रहा था। जहां वह सड़क के बीच में लगे ट्रांसफॉर्म से टकरा गया। जिस कारण उसके सर में गंभीर चोट आ गई। इस घटना के बाद आसपास के लोगों द्वारा घायल प्रदीप पाल को तुरंत 108 एंबुलेंस के जरिए ऋषिकेश एम्स पहुंचाया गया।जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
सड़क के बीचो-बीच खड़ा ट्रांसफार्मर
पीड़ित परिवार को मिले मुआवजा
भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष ज्योति सजवान के नेतृत्व में बनखंडी निवासी सैकड़ों लोगों ने रेलवे स्टेशन का घेराव किया। उसके बाद रेलवे स्टेशन के बाहर कई घंटे तक जाम लगा कर रेल विभाग के खिलाफ नारेबाजी की गई। मौके पर पहुंची पुलिस प्रशासन ने बड़ी मुश्किल से समझा-बुझाकर जाम खुलवाया।
ज्योति सजवान ने प्रशासन के अधिकारियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करने और मृतक के परिजनों को उचित मुआवजा देने की मांग की। उन्होंने कहा कि अगर रेलवे विभाग के अधिकारियों द्वारा पीड़ित परिवार की आर्थिक सहायता नहीं की जाएगी तो वह लोग स्टेशन के बाहर मृतक के शव को रखकर धरना प्रदर्शन करेंगे।
बहन का रो रोकर बुरा हाल
प्रदीप पाल की बहन विजयलक्ष्मी
वहीं मृतक की बहन विजयलक्ष्मी कहती हैं कि प्रदीप पाल उनका छोटा भाई था। प्रदीप के दो छोटे छोटे-बेटे हैं। जो सातवीं और आठवीं में पढ़ते हैं। उन्होंने कहा कि मेरे भाई की मौत का जिम्मेदार रेलवे विभाग है। जिस की लापरवाही के कारण मेरे छोटे भाई प्रदीप की जान गई है। उन्होंने बताया कि हमारे पिताजी का देहांत तो पहले ही हो चुका था। प्रदीप मजदूरी कर अपने परिवार का किसी तरह पेट पालता था। अब उसकी मौत के बाद उसकी पत्नी और उसके बच्चों का ध्यान कौन रखेगा। हमारी सरकार से मांग है कि प्रदीप की पत्नी को सरकारी नौकरी दी जाए। जिससे वह अपना और अपने दोनों बच्चों का पालन पोषण कर सके।
अपना पल्ला झाड़ रहे अधिकारी
वही रेलवे अधिकारियों ने बताया कि उनके द्वारा विद्युत विभाग को कई बार पत्र लिखकर ट्रांसफॉर्म को हटाने का आग्रह किया गया था। लेकिन विद्युत विभाग ने ट्रांसफॉर्मर नहीं हटाया। इसमें रेल विभाग की गलती नहीं बल्कि विद्युत विभाग की गलती है।